Delhi Excise Policy case : दिल्ली शराब नीति मामला : दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी, इलेक्ट्रॉनिक सहित अन्य सबूतों को नष्ट करने में शामिल थे सिसोदिया!

Last Updated 22 May 2024 09:45:47 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार एवं धन शोधन मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि सिसोदिया ने जमानत देने का मामला नहीं बनता है।


पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया

उन्होंने कई और कारण बताते हुए सिसोदिया की दोनों मामलों की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया, लेकिन उन्हें सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने देने के आदेश को बरकरार रखा है। सिसोदिया की यह दूसरी जमानत याचिका थी।

न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि सिसोदिया कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य सहित महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने में शामिल थे।

उधर इस मामले की सुनवाई कर रही राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष अदालत ने उन दोनों मामलों में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। सिसोदिया के वकील ने कहा कि अब वे जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।

न्यायमूर्ति ने दोनों मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा है कि सिसोदिया पर सत्ता का दुरु पयोग करने और लोगों के विास का उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। इस मामले में पेश किए गए सबूतों से पता चलता है कि सिसोदिया ने अपने लक्ष्य के अनुरूप जनता की प्रतिक्रियाओं को गढ़कर आबकारी नीति बनाने की प्रक्रिया को बाधित किया।

भ्रष्टाचार सिसोदिया की शराब नीति बनाने की इच्छा से शुरू हुआ था। न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, आप नेता ने नीति बनाने में हेरफेर करने की कोशिश की और वे खुद अपने ओर से गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को नहीं माना। नीति बनाने में समझौता किया गया।

सिसोदिया ने खुद के इस्तेमाल किए जाने वाले दो फोन को पेश नहीं किया और सफाई दी कि वे क्षतिग्रस्त हो गए थे। उनकी ओर से साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे पहुंच वाले व्यक्ति है और उनके पास 18 मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी। वे एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उनके खिलाफ कई गवाह लोक सेवकों ने बयान दिए हैं। उनके ओर से उनलोगों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। 

न्यायमूर्ति ने धन शोधन के मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया धन शोधन का मामला बनाया है।

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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