MCD news: समय पर संपत्ति कर अदा न करने वाले दंडात्मक कार्रवाई के लिए रहें तैयार

Last Updated 18 Mar 2024 11:30:25 AM IST

दिल्ली नगर निगम की ओर से शुरू की गई बकाया संपत्ति कर भरने के लिए महीनेभर तक के लिए दी गई विशेष मोहलत सुविधा संबंधी अवसर का लाभ लेने में दिल्ली के करदाता रुचि नहीं ले रहे हैं।


यही नहीं, निगम ने संपत्तियों को जियोटैगिंग, पंजीकरण या यूपीआईसी बनाने संबंधी विशेष प्रयास उम्मीद के प्रतिकूल ही साबित हो रहा है। निगम के सम्पत्ति विभाग ने 1 मार्च से 31 मार्च 2024 तक संपत्ति करदाताओं को लुभाने के लिए पूर्व निर्धारित समय सीमा में विस्तार किया है।

यह समय सीमा फरवरी के अंतिम सप्ताह में समाप्त हो गई थी। निगम में संपत्ति मामलों के अधिकारी के अनुसार विशेष सुविधा अभियान के तहत संपत्ति करदाताओं का संपत्तिकर जमा कराने, संपत्तियों की जिओटैगिंग, पंजीकरण व यूपीआईसी बनाने में सुविधा प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है।

विश्लेषण के बाद चलाया गया अभियान : अधिकारी ने कहा कि निगम के तहत आने वाले कुल पंजीकृत संपत्ति कर दाताओं में से एक तिहाई ने वर्ष 2023-24 के लिए संपत्ति कर का भुगतान नहीं किया, जबकि तय तिथि फरवरी 2024 में समाप्त हो चुकी है।

इस वजह से यह छूट दी गई उन्हें उम्मीद है कि इस छूट का संपत्ति करदाता लाभ उठाएंगे और किभी भी इस तरह की प्रशासनिक कार्रवाई से बचेंगे। छूट योजना के 17 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक इस छूट के तहत सिर्फ 2, 345 लोगों ने लाभ लिया, जबकि अब तक संपत्ति कर न जमा कराने वालों को आंकड़ा दिल्ली में कुल मौजूद संपत्तियों में से 40 फीसद शेष है।

अब छूट नहीं : अधिकारियों की मानें तो 31 मार्च तक संपत्तिकर जमा कराने में विफल रहने वाले संपत्ति मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई आर्थिक दंड के साथ के रूप में हो सकती है।

अधिकारी ने कहा कि नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वह समय पर संपत्ति कर का भुगतान करें और दंडात्मक कार्रवाई से बचें। समय पर संपत्तिकर जमा करने पर 10 हजार तक के ऑनलाइन भुगतान पर 2 फीसद छूट का लाभ मिलेगा।

डिफॉल्टर्स पर है नजर : बड़ी संख्या में करदाताओं को पिछले वर्षो के दौरान कर के भुगतान में डिफॉल्टर पाया गया है और समय-समय पर उन्हें कर का भुगतान करने के अनुरोध के साथ एसएमएस भेजे जा रहे हैं। साथ ही उन्हें नोटिस भी दिए गए हैं। इन करदाताओं को डीएमसी अधिनियम के प्रावधानों के तहत किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए बकाया कर का भुगतान करने की भी सलाह दी जा रही है।

ऐसे संपत्ति बकाएदारों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने अपना बकाया संपत्ति कर का भुगतान नहीं किया है। जिन करदाताओं ने संपत्ति खरीदी है, लेकिन उसे एमसीडी पोर्टल पर पंजीकृत नहीं किया है, वह एमसीडी की वेबसाइट यानी एमसीडीऑनलाइन.निक.इन पर लॉग इन करके अपनी संपत्ति पंजीकृत कराए।

दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी संपत्तियों को जियो-टैग किया जाना आवश्यक है। जियो-टैगिंग की अंतिम तिथि 31 मार्च है। यदि करदाता अपनी संपत्ति को जियो-टैग करने में विफल रहता है, तो वह अगले वित्तीय वर्ष (2024-25) में 30 जून, 2024 तक कर के एकमुश्त भुगतान पर छूट का लाभ नहीं उठा पाएगा।
 

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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