CAA पर विपक्षी नेताओं की सोच और बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं : अनुराग ठाकुर

Last Updated 13 Mar 2024 06:22:24 PM IST

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सीएए पर विपक्ष के बयानों को असंवेदनशील झूठा प्रोपेगंडा बताते हुए कहा है कि विपक्षी नेताओं की सोच और बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं।


केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयानों को बेहद असंवेदनशील बताते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, "अरविंद केजरीवाल ने राजनीति को दूषित किया है। आज सुबह उनका बयान सुनकर मेरे मन को अत्यंत पीड़ा हुई। मैंने सोचा कि आखिर कोई इंसान इतना असंवेदनशील कैसे हो सकता है ? पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश में अगर किसी हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी या ईसाई की 12 वर्ष की बच्ची को जबरन उठाकर रेप किया जाता है और फिर उसका धर्म परिवर्तन कर निकाह कराया जाता है तो आप सोचिए उनकी पीड़ा क्या होगी, उनके परिवार की क्या पीड़ा होगी।

अरविंद केजरीवाल भी एक बच्ची के पिता हैं, क्या उन्हें उन गरीब माता-पिता का दर्द नहीं दिख रहा? उन पीड़ित बच्चियों की मां से पूछिए कि दर्द क्या होता है। इस पर अरविंद केजरीवाल देश की राजधानी से प्रेस कांफ्रेंस करके पूछ रहे हैं कि उन्हें क्यों लाया जा रहा है?"

ठाकुर ने आगे कहा, "देश का विभाजन ही धर्म के आधार पर हुआ था। जो हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक वहां रह गए, उनके बारे में नेहरू ने कहा था कि उन्हें वहां संरक्षण मिलेगा। लेकिन, कांग्रेस ने 70 वर्षों में उन्हें कोई संरक्षण नहीं दिलाया। जो काम कांग्रेस 70 वर्षों में नहीं कर पाई, उसे मोदी जी ने करके दिखाया है। पड़ोसी मुल्क में रहने वाले हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन या पारसी परिवार के साथ प्रताड़ना के शिकार हुए लोगों को नागरिकता देने का कार्य मोदी सरकार ने किया है।"

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "सीएए नागरिकता देने का कानून है और इससे भारत के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी। अफगानिस्तान में जब गुरु ग्रंथ साहब और हमारे सिख भाइयों पर खतरा था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार नहीं, बल्कि, तीन बार विशेष विमान भेजकर उन सबको सकुशल भारत लेकर आएं। क्या विपक्ष यह चाहता है कि पड़ोसी मुल्कों से प्रताड़ित होकर भारत आए दलित और अन्य पिछड़ी जाति के लोगों को नागरिकता ना दी जाए ? इनकी यहां दो-दो, तीन-तीन पीढ़ियां बीत गई, फिर भी नागरिकता ना मिले? आखिर विपक्ष क्या चाहता है ?"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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