Hate Speech Case : SC से आजम खान को राहत, वॉयल सैंपल देने पर लगाई रोक

Last Updated 23 Aug 2023 05:50:46 PM IST

सुप्रीम कोर्ट से हेट स्पीच केस में समाजवादी पार्टी (एसपी) के कद्दावर नेता आजम खान को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में रामपुर में समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी से जुड़े मामले में वॉयस सैंपल देने के निचली अदालत के आदेश पर बुधवार को अंतरिम रोक लगा दी।


Hate Speech Case : SC से आजम खान को राहत, वॉयल सैंपल देने पर लगाई रोक

न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने आजम खान की याचिका पर नोटिस जारी किया और ट्रायल कोर्ट के जारी निर्देशों पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया, जिसे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था।

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अवगत कराया कि ट्रायल न्यायाधीश ने यह बताने के बावजूद स्थगन से इनकार कर दिया कि एक विशेष अनुमति याचिका शीर्ष अदालत के समक्ष विचाराधीन है। इस पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने याचिका को बुधवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था।

अपनी याचिका में आजम खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से पारित आदेश को चुनौती दी थी, जिसने निचली अदालत के उस फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था, जिसमें सपा नेता को अपनी आवाज का नमूना देने के लिए कहा गया था, ताकि यह पता चल सके कि नफरत फैलाने वाले भाषण वाले ऑडियो कैसेट में रिकॉर्ड की गई आवाज उनकी है या नहीं।

पूर्व विधायक आजम खान के खिलाफ 2007 में एक विशेष समुदाय के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक भाषण देने के आरोप में रामपुर के टांडा पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

बाद में एमपी/एमएलए अदालत ने 2009 में जांच एजेंसी द्वारा प्रस्तुत आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और साथ ही खान को तलब किया था।

हाल ही में, खान को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

खान को 2019 में नफरत फैलाने वाले भाषण के एक अन्य मामले में दोषी ठहराया गया था और 17 अक्टूबर, 2022 को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट अदालत ने तीन साल जेल की सजा सुनाई थी, जिसके दो दिन बाद उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

इस साल मई में, उन्हें 2019 के एक अन्य नफरत भरे भाषण मामले में बरी कर दिया गया था, जिसके लिए उन्हें अक्टूबर में दोषी ठहराया गया था।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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