दिल्ली में यमुना के जलस्तर ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 207.72 मीटर तक पहुंचा पानी, धारा 144 लागू
राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर ने साल 1978 के 207.49 मीटर के अब तक के सर्वाधिक रेकॉर्ड को तोड़ दिया है। आज दोपहर यमुना 207.72 मीटर पर बह रही है।
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दिल्ली में बुधवार को यमुना नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 207.72 मीटर पर पहुंच गया। इससे पहले 1978 में नदी का जलस्तर 207.49 मीटर पहुंचने का रिकॉर्ड था। सरकारी एजेंसियों ने यह जानकारी दी।
इसके चलते राजधानी दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वहीं, बाढ़ ग्रस्त इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है।
केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के जल निगरानी पोर्टल के मुताबिक पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर सुबह चार बजे 207 मीटर के निशान को पार कर गया, जो वर्ष 2013 के बाद पहली बार इस स्तर पर पहुंचा। दोपहर एक बजे जलस्तर 207.72 मीटर पर पहुंच गया।
Central Water Commission predicts 207.72 meter water level in Yamuna tonite. Not good news for Delhi.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 12, 2023
There have been no rains in Delhi last 2 days, however, levels of Yamuna are rising due to abnormally high volumes of water being released by Haryana at Hathnikund barrage.… pic.twitter.com/3D0SI2eYUm
कृषि तथा बाढ़ नियंत्रण विभाग ने बताया कि नदी में जलस्तर और बढ़ने के आसार हैं।
अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में बुधवार को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। इस धारा के तहत एक स्थान में चार से अधिक लोगों के एक ही स्थान पर एकत्रित होने पर रोक होती है।
दिल्ली में पिछले तीन दिन से यमुना में जलस्तर बढ़ रहा है।
यह रविवार सुबह 11 बजे 203.14 मीटर से बढ़कर सोमवार शाम पांच बजे 205.4 मीटर हो गया। यह उम्मीद से 18 घंटे पहले खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया।
नदी में जलस्तर सोमवार रात 206 मीटर के निशान को पार कर गया था। जिससे बाद बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। साथ ही पुराने रेलवे पुल को सड़क तथा रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया था।
दिल्ली के जलमंत्री सौरभ भारद्धाज ने मीडिया को बताया कि दिल्ली सरकार स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम हालात पर नजर रख रहे हैं और सभी कदम उठाए जा रहे हैं।’’
यमुना में जलस्तर बढ़ने की हालत में पानी राष्ट्रीय राजधानी के अन्य हिस्सों में जाने से रोकने के लिए तटबंध बनाए जा रहे हैं।
दिल्ली में 1924, 1977, 1978, 1995, 2010 और 2013 में भीषण बाढ़ आई थी। एक शोध के अनुसार, 1963 से 2010 तक बाढ़ के आंकड़ों के विश्लेषण से सितंबर में बाढ़ आने की बढ़ती प्रवृत्ति और जुलाई में घटती प्रवृत्ति का संकेत मिलता है।
‘साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स, पीपुल’ (एसएएनडीआरपी) के सहायक समन्वयक भीम सिंह रावत ने दिल्ली में यमुना के जल स्तर में बेतहाशा वृद्धि के लिए गाद जमने के कारण नदी तल के ऊंचा होने को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने ‘न्यज एजेंसी’ से कहा ‘‘ तल की सफाई नहीं होना , वजीराबाद से ओखला तक के 22 किलोमीटर के रास्ते में 20 से अधिक पुल तथा तीन बैराज पानी के बहाव को बाधित करते हैं...।’’
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