दिल्ली में नहीं चलेंगी बाइक टैक्सी, दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे, एनसीआर पर भी पड़ेगा असर
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली में बाइक टैक्सी (Bike Taxi in Delhi) चलाने की अनुमति दिए जाने के दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के आदेश पर रोक लगा दी।
![]() दिल्ली में नहीं चलेंगी बाइक टैक्सी |
दिल्ली सरकार (Delhi Government) की नीति के अमल में आने तक रैपिडो और उबर की बाइक टैक्सी दिल्ली में नहीं चल पाएंगी। इसका असर दिल्ली के अलावा समूचे एनसीआर पर भी पड़ेगा।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और राजेश बिंदल की अवकाशकालीन बेंच ने दिल्ली सरकार के वकील मनीष वशिष्ठ के उस बयान को रिकॉर्ड पर लिया जिसमें उन्होंने अदालत में कहा कि समूची नीति तथा लाइसेसिंग पॉलिसी 31 जुलाई, 2023 तक अमल में आ जाएगी। बेंच ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार की अधिसूचना आने पर अदालत समयबद्ध रूप से इन अर्जियों का निपटारा करेगी। बेंच ने सभी पक्षकारों को यह भी स्वतंत्रता दी कि वह जल्द सुनवाई के लिए दिल्ली हाई कोर्ट भी जा सकते हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के 26 मई के आदेश पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील की यह दलील भी दर्ज की कि अंतिम नीति को जुलाई के अंत से पहले अधिसूचित किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसमें हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी कि अंतिम नीति अधिसूचित होने तक बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर्स के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार की याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा था। दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने कहा कि अंतिम नीति अधिसूचित होने तक सरकार के नोटिस पर रोक लगाने का हाई कोर्ट का फैसला वस्तुत: रैपिडो की रिट याचिका को अनुमति देने जैसा है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने दोपहिया वाहनों को परिवहन वाहनों के रूप में पंजीकृत नहीं करने वाले कानून को चुनौती देने वाली रैपिडो की याचिका पर दिल्ली सरकार को 26 मई को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया था कि अंतिम नीति अधिसूचित किए जाने तक बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। दिल्ली सरकार ने इस साल 19 फरवरी को जारी एक सार्वजनिक नोटिस में आगाह किया था कि दिल्ली में बाइक-टैक्सी नहीं चलाई जाएं और चेतावनी दी थी कि नोटिस का उल्लंघन करने वालों को एक लाख रु पए तक के जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है। दिल्ली सरकार का कहना था कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत मोटर बाइक का कॉमर्शियल इस्तेमाल प्रतिबंधित है।
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिना लाइसेंस के दुपहिया का इस्तेमाल राइड पूलिंग के लिए नहीं किया जा सकता। उबर की ओर ने वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि केन्द्र की मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2020 के बाद दिल्ली सरकार ने अपनी स्कीम नहीं बनाई है। अदालत का मत था कि गाइडलाइंस मूल नियमावली का उल्लंघन नहीं कर सकती।
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