दिल्ली दंगे में उमर खालिद और खालिद सैफी बरी

Last Updated 04 Dec 2022 06:39:27 AM IST

दिल्ली दंगे से संबंधित एक मामले में अदालत ने छात्र नेता उमर खालिद एवं यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सदस्य खालिद सैफी को आरोप मुक्त कर दिया।


दिल्ली दंगे में उमर खालिद और खालिद सैफी बरी

यह मामला खजूरी खास थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 101/2020 से संबंधित है। दोनों पर मुख्य रूप से दंगे के लिए षडय़ंत्र रचने का आरोप लगाया गया था। वे दोनों इस मामले में जमानत पर हैं, लेकिन यूएपीए मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमांचला ने उन्हें आईपीसी की धारा 109, 114, 147, 148, 149, 153ए, 186, 212, 353, 395, 427, 435, 436, 452, 454, 505, 34 व 120बी के तहत दर्ज मामले के साथ सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के नुकसान की रोकथाम के 3 व 4 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 व 27 के तहत भी दर्ज मामले में आरोप मुक्त किया है।

यह मामला एक सिपाही के बयान के आधार पर दर्ज किया गया था। बयान में कहा गया था कि 24 फरवरी, 2020 को चांद बाग पुलिया के पास एक बड़ी भीड़ जमा हो गई थी और पथराव शुरू कर दिया था।

आरोप लगाया गया था कि जब पुलिस अधिकारी खुद को बचाने के लिए पास की एक पार्किंग में गए तो भीड़ ने पार्किंग का शटर तोड़ दिया और अंदर मौजूद लोगों की पिटाई की। साथ ही वाहनों में भी आग भी लगा दी थी।  इसके बाद मामला 28 फरवरी, 2020 को अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की इमारत का इस्तेमाल कथित दंगाइयों ने ईटें मारने, पथराव करने, पेट्रोल बम फेंकने और एसिड बम फेंकने के लिए किया गया था।  उमर भीड़ का हिस्सा नहीं था, लेकिन उस पर और खालिद पर मामले में आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया था।

प्राथमिकी में उमर खालिद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा था कि उसके खिलाफ अधूरी सामग्री है। उस आधार पर उसे सलाखों के पीछे रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस मामले की जांच पूरी हो चुकी थी और आरोप दाखिल किया जा चुका है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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