दिल्ली महिला आयोग ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, कहा- बिलकिस बानो के बलात्कारियों व राम रहीम को वापस भेजें जेल

Last Updated 29 Oct 2022 04:19:41 PM IST

दिल्ली महिला आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख बलात्कार के दोषियों की सजा में छूट और पैरोल को प्रतिबंधित करने के लिए मजबूत कानूनों और नीतियों की मांग की है।


स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो)

आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बिलकिस बानो और गुरमीत राम रहीम का जिक्र कर मांग की है कि बिलकिस के बलात्कारियों और गुरमीत राम रहीम को वापस जेल भेजा जाए।

इसके अलावा आयोग ने सिफारिश की है कि बिलकिस बानो के बलात्कारियों और गुरमीत राम रहीम की समय से पहले रिहाई के मामले को संबंधित राज्य सरकारों और गृह मंत्रालय, भारत सरकार के साथ उठाया जाए ताकि बलात्कारियों को उनकी पूरी जेल अवधि की सजा दी जा सके और गुरमीत राम रहीम की पैरोल रद्द किया जा सके।

आयोग ने गुरमीत राम रहीम की सभाओं में भाग लेने वाले हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है।

स्वाति मालीवाल ने इन घटनाओं को बहुत बिचलित करने वाला करार दिया है और कहा है कि, देश में सजा में छूट, पैरोल और यहां तक कि फरलो के मामले में मौजूदा नियम और नीतियां बेहद कमजोर हैं और इनमे राजनेताओं और दोषियों द्वारा अपने फायदे के लिए आसानी से हेरफेर किया जा सकता है।

आयोग ने राजनेताओं और प्रभावशाली दोषियों द्वारा छूट, पैरोल और फरलो की नीतियों में हेराफेरी का मुद्दा उठाया है और इन कानूनों और नीतियों की समीक्षा के लिए सिफारिश की है।

आयोग ने सिफारिश की है कि बलात्कार, हत्या, तस्करी, तेजाब हमले और अन्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों के मामले में दोषियों की सजा में छूट की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही, ऐसे जघन्य अपराधों में असाधारण परिस्थितियों में, दुर्लभतम से दुर्लभतम मामलों में, सख्त शर्तों के साथ और केवल कुछ दिनों के लिए ही सजा काट रहे दोषियों को ही पैरोल और फरलो दी जानी चाहिए!

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, राजनेता अपनी वोट बैंक की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए बलात्कारियों का इस्तेमाल करना जारी रखते हैं, खासकर जब चुनाव नजदीक हैं, जो कि गुजरात और हरियाणा दोनों में हो रहे है। यदि राजनीतिक रसूख का आनंद लेने वाले प्रभावशाली लोग महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों में आजीवन कारावास की सजा काटकर अनुचित लाभ प्राप्त कर सकते हैं, तो न्याय से स्पष्ट रूप से इनकार किया जाता है और महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के किसी भी कदम के कोई मायने नहीं रह जाते हैं।

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों में सजा काटने वाले दोषियों के लिए छूट, पैरोल और फरलो के संबंध में कड़े कानूनों और नीतियों को सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाना चाहिए। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में दोषियों की सजा किसी भी हाल में कम नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा बिलकिस बानो के बलात्कारियोंऔर गुरमीत राम रहीम को तुरंत वापस जेल में डाल देना चाहिए।

दरअसल हाल ही में हरियाणा के विधानसभा उपाध्यक्ष और एक महापौर और हिमाचल प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उनकी 'प्रवचन सभाओं' में भाग लिया और उनके प्रति पूरी निष्ठा और समर्थन का वादा किया। वे हाथ जोड़कर उनकी सभाओं में कतारों में खड़े नजर आये और उनका आशीर्वाद लिया और दोषी के 'काम' की सराहना की।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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