सीआरपीएफ डीजी ने लिया बस्तर बटालियन भर्ती प्रक्रिया का जायजा

Last Updated 13 Oct 2022 08:15:30 PM IST

छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कमर कस ली है। अब यहां के 3 जिलों में बस्तरिया बटालियन की भर्ती का जिम्मा सीआरपीएफ ने उठाया है।


सीआरपीएफ बस्तर बटालियन भर्ती प्रक्रिया

इस क्रम में नक्सल प्रभावित बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों से 400 उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है। भर्ती के बाद ये आदिवासी युवा नक्सल विरोधी अभियानों का हिस्सा बनेंगे।

सीआरपीएफ के नवनिर्वाचित डीजी एसएल थाउसेन ने नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में जाकर पूरी भर्ती प्रक्रिया का जायजा लिया है। डीजी ने सुकमा में सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ ही परीक्षार्थियों से भी बातचीत की है। जानकारी के मुताबिक बस्तरिया बटालियन में 400 पदों की भर्ती लंबे समय से रुकी हुई थी। अब सीआरपीएफ में दंतेवाड़ा से 144, बीजापुर से 128 और सुकमा से 128 युवकों की भर्ती आरक्षक पद पर की जा रही है। यह भर्ती 10 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक चलेगी।

सीआरपीएफ ने बताया कि बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के स्थानीय आदिवासी युवाओं के लिए गृह मंत्रालय ने पात्रता मानदंड को आसान बनाया है। इसी के चलते सीआरपीएफ में भर्ती होने के लिए हजारों युवा सामने आ रहे हैं। गौरतलब है कि 2017 में सीआरपीएफ ने एक बस्तरिया बटालियन का गठन किया था। उसी के नियमों में कुछ छूट देकर लंबे वक्त बाद भर्ती को फिर शुरू किया गया है।

दरअसल बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में अभी भी नक्सली सक्रिय हैं। यह नक्सलियों के प्रभाव वाला इलाका है। सीआरपीएफ ने इन्हीं 3 जिलों में फोकस करके वहां भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। यहां पर घने जंगलों में सीआरपीएफ कैंप भी सबसे ज्यादा हैं। यही वजह है कि सर्च ऑपरेशन और नक्सलियों से लोहा लेने के लिए सीआरपीएफ को ऐसे लोगों की जरूरत है, जो स्थानीय स्तर पर भौगोलिक स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हों।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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