कबूतरबाजी रैकेट का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

Last Updated 21 Aug 2022 09:20:30 AM IST

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने एक बड़े इंटरनेशनल कबूतरबाजी के रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को धर दबोचा।


कबूतरबाजी रैकेट का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस का कहना है कि फर्जी वीजा व पासपोर्ट रैकेट के खिलाफ अभियान जारी रखते हुए इस रैकेट का भंडाफोड़ किया गया। गिरफ्तार मास्टर माइंड जाकिर युसुफ शेख पिछले 25 साल से इस रैकेट को चला रहा था, जबकि कबूतरबाजरी रैकेट में उसके साथ मुश्ताक उर्फ  जमील पिक्चरवाला, इंतियाज अली शेख उर्फ  राजू भाई, संजय दत्ताराम चव्हाण व रवि रमेशभाई चौधरी को धर दबोचा गया। इनमें रमेश भाई वह यात्री है, जो फर्जी दस्तावेज बनवाकर विदेश जाने की फिराक में था। फिलहाल इनका एक साथी नारायणभाई चौधरी फरार है।

पुलिस उपायुक्त तनु शर्मा ने बताया कि मास्टरमाइंड जाकिर युशुफ शेख इस धंधे से कमाई गई ब्लैक मनी मराठी फिल्मों को प्रोडूयस कर व्हाइट करता था। हाल ही में उसने ऑनलाइन चैनल नेटफ्लिक्स के कई वेब सीरीज को प्रोड्यूस किया है। पुलिस को इन आरेापियों की तीन दिनों की रिमांड मिली है, जहां इस रैकेट में शािमल अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।

दरअसल इस रैकेट का खुलासा तब हुआ जब 6 जून को गुजरात निवासी रवि रमेशभाई को कुवैत से डिपोर्ट कर भारत भेजा गया था। जांच में उनका पासपोर्ट फर्जी निकला था, जो उन्हें मुंबई के एक एजेंट ने फर्जी वीजा के साथ दिया था।

इमिग्रेशन विभाग की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी यात्री रवि रमेशभाई को गिरफ्तार कर लिया और एसीपी वीरेन्द्र मोर की देखरेख में इंस्पेक्टर सतीश कुमार और अनुज शर्मा की टीम ने गहन जांच कार्रवाई करते हुए इस रैकेट का पर्दाफाश किया।

पुलिस के मुताबिक  रवि ने पुलिस को बताया कि वह एजेंट जाकिर, नारायण भाई और मुश्ताक उर्फ  जमील पिक्चरवाला के संपर्क में आया । उसे नारायण भाई ने बताया कि वह 65 लाख रु पए में पासपोर्ट और वीजा दिलवाकर उसे अमेरिका भिजवा देगा।

इसके बाद सौदा तय होने पर उसने नारायणभाई को 15 लाख रु पए एडवांस दिए। उसने अपनी फोटो और हस्ताक्षर मुंबई के जाकि और जमील को वाट्स ऐप पर भेजे, जिससे उसका फर्जी पासपोर्ट तैयार हो गया। इसके बाद उसके पासपोर्ट पर नीदरलैंड का फर्जी वीजा लगाया गया। उसे अमेरिका पहुंचने पर बकाया 50 लाख रु पए देने के लिए एजेंटों ने कहा था।  जब पुलिस ने मिली जानकारी के आधार पर जांच शुरू की तो पता चला कि रैकेट से जुड़े सभी एजेंट भूमिगत  हो गए हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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