भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, कोर्ट ने लागू की कई शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी 82 वर्षीय पी. वरवर राव को स्वास्थ्य आधार पर जमानत दे दी है।
![]() भीमा कोरेगांव |
न्यायमूर्ति यू.यू. ललित ने कहा कि जमानत केवल स्वास्थ्य आधार पर है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वरवर राव किसी भी तरह से अपनी जमानत का दुरुपयोग नहीं करेंगे। वह किसी भी गवाह के संपर्क में नहीं आएंगे।
एनआईए का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अपीलकर्ता की दलील का कड़ा विरोध किया और तर्क दिया कि यह राव की कोई योजना हो सकती है और यूएपीए के तहत, वह जमानत के हकदार नहीं है।
बता दें, वरवर राव पर मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज है।
राव का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने अपनी दलील में कहा कि उनके मुवक्किल की उम्र और बीमारियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें बिना किसी शर्त के जमानत पर रिहा कर देना चाहिए।
राव ने बॉम्बे हाई कोर्ट के 13 अप्रैल के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य आधार पर उन्हें स्थायी जमानत देने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने 3 महीने बाद सरेंडर करने के बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई शर्त को भी हटा दिया।
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