‘बूस्टर डोज’ पर जल्दबाजी में फैसला नहीं

Last Updated 13 Nov 2021 01:38:12 AM IST

देश में पर्याप्त कोविड टीकों के उत्पादन और विश्व के कई हिस्सों में कोरोना महामारी का प्रकोप फिर से बढ़ने के बीच सरकार देश में टीके की तीसरी खुराक ‘बूस्टर डोज’ की अनुमति देने की जल्दबाजी में नहीं है बल्कि इससे पहले शत प्रतिशत आबादी का टीकाकरण पर जोर दे रही है।


केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल में ही कोविड टीकाकरण से संबंधित एक बैठक में कहा कि तीसरी खुराक देने के संबंध में कोई भी निर्णय स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों की सिफारिश के आधार पर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा,‘ हमारा उद्देश्य पहले पूरी पात्र आबादी को कोविड टीके की पहली और दूसरी खुराक देना है। तीसरी खुराक देने के संबंध में सरकार कोई सीधा निर्णय नहीं करेगी। कोई भी फैसला भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और विशेषज्ञों की सिफारिश के आधार पर होगा।’ उन्होंने कहा कि देश में कोविड टीकों का पर्याप्त उत्पादन है और भविष्य में किसी भी मांग को पूरा किया जा सकता है।

आंकड़ों के अनुसार देश में वर्तमान में 79 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड टीके की पहली खुराक मिली चुकी है और 38 प्रतिशत पात्र आबादी को दूसरी खुराक मिली है। देश में 12 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को समय होने के बावजूद  दूसरी खुराक नहीं लग पायी है। सरकार का जोर शत प्रतिशत पात्र आबादी का टीकाकरण करने का है। इसके लिए ‘हर घर दस्तक’ अभियान चलाया जा रहा है। नीति आयोग के सदस्य- स्वास्थ्य डॉ. वी. के. पाल का कहना है कि आक्रामक और व्यापक कोविड टीकाकरण अभियान का बहुत ही सकारात्मक असर सामने आया है।

दिल्ली में सीरो सकारात्मकता दर 97 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 88 प्रतिशत और तेलंगाना में 85 प्रतिशत दर्ज की गयी है। एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने कोविड टीके की पहली खुराक भी ली है, उन पर कोविड का घातक परिणाम सामने नहीं आया है।
 

एसएनबी
नई दिल्ली


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