पूर्व आईएएस ओम पाठक बने जिमखाना के नए प्रशासक

Last Updated 31 Jul 2021 09:00:54 AM IST

पूर्व सैन्य अधिकारी और सेवानिवृत्त आईएएस ओम पाठक जिमखाना क्लब के नए प्रशासक बन गए हैं। इससे पहले नियुक्त ‘विवादित’ प्रशासक विनोद यादव और उनके वित्त सलाहकार अनूप प्रसाद ने अचानक अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।


पूर्व आईएएस ओम पाठक बने जिमखाना के नए प्रशासक

इनमें यादव पर सरकार का पक्ष कमजोर करने, तो अनूप प्रसाद पर एक साथ दो जगह से वेतन लेने के आरोप लग रहे थे।

कंपनी कार्य मंत्रालय ने शुक्रवार को आदेश जारी कर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ओम पाठक को जिमखाना क्लब का प्रशासक नियुक्त कर दिया। शिक्षाविद के तौर पर जाने जाने वाले पाठक सैन्य अधिकारी के तौर पर पूर्वी पाकिस्तान सीमा पर तैनात रह चुके हैं। फिलहाल वह शिक्षाविद के तौर पर काफी सक्रिय हैं। गौरतलब है कि एनसीएलएटी के आदेश पर कंपनी कार्य मंत्रालय ने फरवरी, 2021 में मनमोहन जुनेजा को जिमखाना क्लब का प्रशासक नियुक्त किया था, लेकिन महज पांच दिन के भीतर उन्हें हटाकर रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष विनोद यादव को यहां प्रशासक नियुक्त कर दिया गया था।

आरोप है कि यादव के कार्यकाल में बिना किसी विज्ञापन या प्रक्रिया के पूर्व रेलवे अधिकारी अनूप प्रसाद को वित्तीय सलाहकार और उत्तर रेलवे के फाइनेंस कंट्रोलर सतीश को क्लब में नियुक्त कर दिया गया। बताया जाता है कि भारतीय रेलवे वित्त सेवा के अधिकारी रहे अनूप कुमार प्रसाद क्लब में नियुक्ति के समय भी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के ओम्बड्समैन के तौर पर वेतन ले रहे थे। फिर भी जिमखाना क्लब से उन्हें लाखों रु पए का भुगतान कराया गया। यही नहीं, क्लब सचिव के पद पर भी रेलवे सेवा की किसी अधिकारी की नियुक्ति की कवायद शुरू कर दी गई। इसलिए बीते सप्ताह जारी विज्ञापन में खास शत्रे जोड़ दी गई। इस पद पर नियुक्ति के लिए 15 वर्ष के प्रबंधकीय अनुभव की अनिवार्यता भी जोड़ दी गई। इससे सैन्य सेवा के अधिकारी नियुक्ति की दौड़ से बाहर हो जाते।

क्लब के फाइनेंस कंट्रोलर और तकनीकि सलाहकार ने पिछले दिनों क्लब प्रशासक विनोद यादव को पत्र लिखकर क्लब सचिव जेपी सिंह और सहायक सचिव प्रेमचंद को अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त करने के लिए लिखा था। 17 जुलाई को दोनों का बर्खास्तगी नोट भी तैयार कर दिया गया था। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 19 जुलाई को तकनीकि सलाहकार ने जेपी सिंह पर क्लब की संवेदनशील फाइलें गायब करने और क्लब के ताले बदलने का आरोप लगाकर पुलिस में शिकायत करने के लिए भी लिखा था। लेकिन इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। यही वजह है कि कई पूर्व पदाधिकारियों और सदस्यों ने कंपनी कार्य मंत्रालय में विनोद यादव के खिलाफ शिकायतें करनी शुरू कर दीं।

खुद पर लगे आरोपों को लेकर क्लब प्रशासक के सलाहकार अनूप कुमार प्रसाद ने कहा कि वह डीएफसी ओम्बड्समैन के तौर पर सेवा अनुबंध के तहत कार्य कर रहे हैं। जब वह अवकाश पर थे, तो क्लब ने उनके बैंक खाते में पैसा जमा करा दिया। उनका दावा था कि उन्होंने क्लब से पांच माह तक वेतन नहीं लिया। वहीं, प्रशासक विनोद यादव ने आरोपों के बारे में कोई जवाब नहीं दिया।
 

एसएनबी
नई दिल्ली।


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment