दिल्ली के निवासियों को थोड़ी राहत मिली है, क्योंकि शनिवार को दिन ढलने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी की समग्र वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से 'खराब' श्रेणी में आ गई।
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सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह के 313 के स्तर से सुधरकर दोपहर तक 252 पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर 'मध्यम' से 'खराब' श्रेणी के बीच है।
आनंद विहार, मथुरा रोड, चांदनी चौक, द्वारका सेक्टर आठ, दिलशाद गार्डन, आईटीओ और आर के पुरम जैसे क्षेत्र 'खराब' श्रेणी में बने हुए हैं, जहां एक्यूआई क्रमश: 276, 235, 279, 299, 216, 280, और 291 है।
इसके अलावा दिल्ली के बाहरी इलाके बवाना में एक्यूआई 318, मुंडका में 313, नजफगढ़ में 322 और जहांगीरपुरी में 326 के स्तर पर है और ये सभी 'बहुत खराब' श्रेणी में बने हुए हैं। इस बीच, लोधी रोड पर 195 एक्यूआई के साथ 'मध्यम' वायु गुणवत्ता दर्ज की गई है।
उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच को 'मध्यम', 201 से 300 तक को 'खराब' और 301 से 400 के बीच को 'बहुत खराब' तथा 401 से 500 तक को 'गंभीर' माना जाता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पड़ोसी क्षेत्रों में जहां गुरुवार को खेतों जलाई जाने वाली पराली में कमी देखी गई थी, उसमें शुक्रवार को 1264 तक इजाफा देखा गया। दिल्ली की हवा में पराली जलने की वजह से होने वाले प्रदूषण का आज (शनिवार) 13 प्रतिशत प्रदूषण का अनुमान लगाया गया है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, "दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता पूवार्नुमान के अनुसार आज (शनिवार) की सुबह खराब श्रेणी दर्ज की गई है। आज के लिए उच्च सतह वाली हवाओं का पूवार्नुमान है और इससे हवा की गुणवत्ता में और अधिक योगदान की संभावना है।"
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