ICMR के दिशानिर्देश कोरोना टेस्टिंग में बाधक: दिल्ली सरकार

Last Updated 13 Jun 2020 07:02:51 PM IST

कोरोना टेस्ट के मामले पर दिल्ली सरकार और विपक्ष आमने-सामने है। दिल्ली भाजपा के नेताओं ने केजरीवाल सरकार पर कोरोना वायरस के कम टेस्ट कराने का आरोप लगाया है।


जवाब में दिल्ली सरकार ने कम टेस्टिंग के लिए आईसीएमआर के दिशानिर्देश को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भाजपा नेताओं को जवाब देते हुए कहा, "अधिक टेस्टिंग के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को अपने नियमों में बदलाव करना होगा। यदि आप चाहते हैं कि कोरोना वायरस की टेस्टिंग बढ़ाई जाए तो आईसीएमआर से दिशानिर्देशों को बदलने के लिए कहें। हम आईसीएमआर के उन दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं कर सकते, जो कि टेस्ट के लिए जरूरी हैं।"

गौरतलब है कि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर कोरोना की कम टेस्टिंग का आरोप लगाया है।

दिल्ली सरकार प्रतिदिन 5 से 6 हजार लोगों का कोरोना टेस्ट करवा रही है। शुक्रवार को आई रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में कुल 53 सौ लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया, जिनमें से 21 सौ से अधिक कोरोना पॉजिटिव निकले।

भाजपा के आरोपों का जवाब आम आदमी पार्टी ने दिया है। सत्ताधारी पार्टी ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, "आईसीएमआर के दिशानिर्देश कोरोना वायरस की टेस्टिंग में रोड ब्लॉक की तरह काम कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी केंद्र से अपील करती है कि कोरोना वायरस की टेस्टिंग पर लगाई गई सीमा हटा दी जाए, ताकि कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की पहचान सटीक तरीके से की जा सके।"

इस मुद्दे पर आप के राजसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा, "बीमारी का सरकारीकरण बंद हो। केंद्र सरकार आईसीएमआर की गाइडलाइन को बदले। किसी भी व्यक्ति को कोरोना जांच कराने की छूट हो। राज्यों को अधिक से अधिक टेस्टिंग किट उपलब्ध कराई जाए व देशभर में लैब्स को जांच के लाइसेंस दिए जाएं।"

उन्होंने कोरोना वायरस की टेस्टिंग बढ़ाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखा है।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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