हिंदूराव अस्पताल में भर्ती तीन मरीजों की वेंटिलेटर न मिलने मौत
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 850 बिस्तरों वाले अस्पताल हिंदूराव में कोरोना संक्रमितों को इरादतन मारा जा रहा है।
हिंदूराव अस्पताल में भर्ती तीन मरीजों की वेंटिलेटर न मिलने मौत |
कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों का कहना है कि पॉजिटिव होने के बाद हमें जब सांस लेने में तकलीफ, तेज फीवर, गले में तेज दर्द जैसे लक्षण थे तब भी वार्ड में रखा गया। यहां डाक्टर आते हैं न ही हमारी सुध लेने के लिए नर्सिंग स्टाफ। सोमवार दोपहर 12 बजे से मंगलवार की सायं 5 बजे तक आईसीयू में वेंटीलेटर नहीं मिलने से 3 संक्रमितों की मौत हो गई जबकि 8 से अधिक संक्रमितों की हालत बेहद नाजुक बनी है। इन मरीजों को वेंटीलेटर की तुरंत आवश्यकता है। उपचाराधीन मरीजों का यह भी आरोप है कि कोविड-19 वार्ड में जनरल वार्ड से भी बदतर हालत है। वार्ड को सेनिटाइज तक नहीं किया जाता है।
हर दिन हो रही तीन चार की मौत : कोविड वार्ड में भर्ती 48 वर्षीय एक संक्रमित ने कहा कि यहां पर मरने के बाद भी शव को घंटों बेड पर ही रखा जाता है। उसे सफेद चादर तक नहीं डाली जाती। यह देख अन्य भर्ती मरीजों की हालत और खराब हो जाती है। एक अन्य मरीज ने खुद के नाम का खुलासा न करने की शर्त पर कहा कि मीडिया में शिकायत करने जब धमकी दी गई तो दो रोगियों को जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया।
यही नहीं, इस बारे में पेशेंट केयर में जुटे एक स्वयंसेवक ने कहा कि साहब! यहां अत्यंत आर्थिक रूप से कमजोर तबके के मरीजों का ज्यादा दबाव रहता है। उनके पास जीवन बचाने के लिए फिलहाल और कोई नजदीक में विकल्प नहीं रहता, नतीजतन वे न चाहते हुए इस नाइंतजामी को झेलने को मजबूर हैं। इसके अलावा कोविड संक्रमितों को दूसरे व तीसरे फेज की जांच के लिए दिनभर लाईन में खड़े रहना पड़ता है। अस्पताल में अब तक दो दर्जन से अधिक डॉक्टर समेत नर्सिंग स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। अस्पताल को दो दिन के लिए सील तक करना पड़ा है। बावजूद इसके अस्पताल के सीएमओ डा. एसके सिंह कहते हैं कि मरीजों का दबाव ज्यादा है, हम किसी को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते हैं। कई डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ क्वारेंटाइन हैं। जिससे स्टाफ की कमी हो रही है।
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