उत्तर पूर्वी दिल्ली में दहशत का माहौल, घर, दुकान बचाने के लिए रातभर पहरेदारी कर रहे लोग

Last Updated 26 Feb 2020 01:12:45 PM IST

उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले चार दिनों से फैली हिंसा के कारण दहशत का माहौल है। लोग अब भी घरों से निकलने में डर रहे हैं।


सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, कबीरनगर, विजयपार्क आदि इलाकों में ऐसा ही माहौल है। लोग काम धंधों पर जाना बंद कर चुके हैं। हालांकि, तीसरे दिन स्थिति तनावपूर्ण मगर नियंत्रण में है।

कई दुकानों में हुई लूट के कारण लोग अब अपनी दुकानें और घर बचाने के लिए रतजगा करने को मजबूर हैं।

विजय पार्क में रहने वाले विजेंद्र कुमार ने बताया, "सोमवार की रात मोहल्ले में उपद्रवियों के हमले के बाद से लोगों में डर और दहशत का माहौल है। हम मारकाट नहीं चाहते, लेकिन रात-रात भर जागकर डंडा लेकर घरों की रखवाली करने को मजबूर हो गए हैं। क्योंकि कब कौन आकर के घरों और दुकानों पर हमला कर दे कुछ कहा नहीं जा सकता। डंडे थाम कर हम भले ही उपद्रवी की तरह दिखते हो सच पूछिए तो हमारे लिए मजबूरी हो गई है डंडे थामना..अपना सिर्फ घर बचाना चाहते हैं।"

मोहल्ले के ही राहुल ने कहा कि वो कॉल सेंटर में जॉब करते हैं। नाइट ड्यूटी करते हैं। लेकिन डर के मारे जाना बंद कर चुके हैं। अपने बॉस को मेल कर घर से ही काम करने की इजाजत मांग चुके हैं।

जाफराबाद के इरशाद हिंसा के कारण रोजी रोटी पर असर पड़ने की बात कहते हैं। जूस की दुकान चलाने वाले इरशाद ने कहा कि रविवार से ही उनकी दुकान बंद चल रही है। हर रोज कम से कम वह हजार रुपए कमा लेते थे, मगर यह मामूली सी कमाई भी अब नहीं हो रही है दुकान में ताला डालना मजबूरी हो गई। हमारे जैसे तमाम दुकानदारों का भी यही हाल है।

सीलमपुर रेड लाइट पर दो दर्जन से अधिक दुकानें हैं लेकिन इसमें सिर्फ एक दुकान खुली है चाय और पकौड़ी की। चाय पकौड़ी की दुकान पर भी खरीददारों की संख्या बड़ी कम है। आज के लिए मीडियाकर्मी इस दुकान के लिए कस्टमर बने हैं। दुकानदार का कहना है कि तनाव पैदा होने के बाद से राहगीरों ने सीलमपुर से जाफराबाद मौजपुर वाले रोड पर आना जाना कम कर दिया है।

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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