जमानत भी नहीं बचा सके कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष
चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र की बल्लीमारान विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर विजयी पारी खेली है। हालांकि, मुस्लिम बहुल विधानसभा होने के बावजूद यहां भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार, आम आदमी पार्टी को टक्कर देने में कामयाब रहीं है।
![]() दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ |
आम आदमी पार्टी को जहां 65 फीसदी वोट मिले हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी भी इस मुस्लिम बहुल इलाके में लगभग 30 प्रतिशत मत हासिल करने में कामयाब रही। आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन बल्लीमारान सीट से लगातार अपना दूसरा चुनाव जीते। इमरान हुसैन, अरविंद केजरीवाल की मौजूदा सरकार में मंत्री हैं।
वहीं दिल्ली में कांग्रेस के सबसे दिग्गज नेताओं में शुमार हारून महज चार फीसदी वोट ही हासिल कर सके। हारून यूसुफ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। गौरतलब है कि हारून यूसुफ बल्लीमारान से चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। वह शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में लगातार खाद्य एवं आपूर्ति व उद्योग मंत्रालय संभाल चुके हैं।
बल्लीमारान विधानसभा से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार इमरान हुसैन को 65,644 वोट मिले हैं। यहां उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार लता सोढ़ी हैं। लता बल्लीमारान सीट से 29,472 वोट हासिल करने में कामयाब रही हैं। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा के पुनर्गठन के बाद से भारतीय जनता पार्टी आज तक कभी बल्लीमारान सीट नहीं जीत सकी है। उधर चार बार बल्लीमारान से विधानसभा का चुनाव जीतने वाले हारून यूसुफ को इस बार महज 4802 वोट मिले हैं। इतने कम वोट मिलने के बाद अब हारून युसूफ की जमानत जब्त होनी तय है।
11 फरवरी की सुबह वोटों की गिनती के शुरुआती दौर में लता सोढ़ी ने यहां अन्य उम्मीदवारों के मुकाबले अपनी लीड बनाए रखी। पहले राउंड की गिनती के बाद लता सोढ़ी ने यहां 4113 वोट हासिल किए। वहीं पहले राउंड में आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन को 2963 वोट मिले। उधर, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ को पहले राउंड में सिर्फ 361 वोट ही मिल सके।
हालांकि, इसके बाद गिनती के सभी राउंड में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार इमरान हुसैन ने बाजी मारी। इसके बाद के राउंड में इमरान हुसैन को सबसे अधिक वोट हासिल हुए और अंतिम दौर में इमरान हुसैन ने लता सोडी पर करीब 36 हजार वोटों की लीड हासिल कर ली।
राहुल व प्रियंका गांधी ने दिल्ली में जिन गिने-चुने उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था, उनमें से हारून यूसुफ एक हैं। राहुल व प्रियंका गांधी ने एक संयुक्त चुनावी सभा में जनता से हारून यूसुफ के लिए वोट मांगे थे।
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