जेएनयू हिंसा में 37 की पहचान
जेएनयू परिसर में पांच जनवरी को हुई हिंसा मामले की जांच कर रही एसआईटी ने इस दौरान बनाए गए एक व्हाट्सएप ग्रुप से 37 छात्रों की पहचान की है।
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जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों की पहचान को लेकर पुलिस के दावों पर उठ रहे सवालों के बीच शनिवार को एक बार फिर क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की अपने टीम के साथ कैंपस पहुंचे और हिंसा से जुड़े अन्य साक्ष्यों को जुटाने का प्रयास किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हिंसा वाले दिन यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। इस ग्रुप में 60 लोग हैं। इनमें से 37 लोगों की पहचान हो गई। इनमें से कई जेएनयू के छात्र नहीं है। इनमें से ज्यादातर के फोन बंद हैं, इसके कारण चिह्नित लोगों तक पहुंचने में देरी हो रही है।
मेन गेट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड पर शक : एसआईटी को संदेह है कि हिंसा में शामिल बाहरी लोगों ने सिक्योरिटी गार्ड की मिलीभगत से ही परिसर में प्रवेश किया था। वहीं वीसी का बयान आया है कि कैंपस के हॉस्टल में बाहरी लोग भी रहते हैं। ऐसे में मामले की जांच कर रही एसआईटी मेन गेट पर रखे जाने वाले रजिस्टर को भी खंगाल रही है।
संदिग्धों की गिरफ्तारी नहीं, होगी पूछताछ : पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिन संदिग्धों की पुलिस ने पहचान की है, उनको गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और जांच में शामिल होने के लिए कहा जाएगा।
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