हिंसा का भयानक मंजर बताते हुए रो पड़ी छात्रा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में रविवार को हुए हंगामे और मारपीट के प्रत्यक्षदर्शी उस भयानक मंजर को बताते हुए सिहर उठे।
हमले में घायल छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष। अस्पताल में इलाज करातीं घायल प्रोफेसर सुचित्रा सेन। |
एक छात्रा ने रोते हुए बताया कि मैं कमरे में थी। इसी दौरान मची भगदड़ के बीच छात्रों को अपने तरफ आते देखा। मैने सबसे अपने कमरे को बंद किया और दूसरी छात्राओं को भी ऐसा करने को कहा। मैने जब वीडियो क्लिप लेने की कोशिश की, तो उन्होंने मेरे ऊपर पत्थर मारा। राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने हिंसा की निंदा करते हुए ट्वीट किया कि जेएनयूएसयू प्रेसीडेंट आईशी घोष की बुरी तरह पिटाई की गई है और उनके सिर से काफी रक्तस्राव हुआ है। यह कब रूकेगा? एसओएसजेएनयू शर्मनाक। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार व जेएनयू के पूर्व छात्र डॉ. संजय बारू की पत्नी विश्वविद्यालय में शिक्षिका है। बारू ने कहा कि मैं परिसर में नहीं रहता हूं। मेरी पत्नी वहां हैं। उनके छात्र-छात्राएं वहां रहते हैं। वे भयभीत हैं। यह संगठित हमला है और मेरे जैसे अलुमनाई को इसका विरोध करना चाहिए।
उधर, देर रात जामिया, जेएनयू व दिल्ली विश्वविद्यालय के हजारों छात्र आइटीओ स्थित पीएचक्यू के सामने पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने आईटीओ से विकास मार्ग की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया। पुलिस मुख्यालय के सामने बेरिकेडिंग कर दी गई। छात्रों की भीड़ के कारण आईटीओ पर लंबा जाम लग गया। इससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई। छात्रों को आईटीओ पहुंचने से रोकने के लिए आईटीओ मेट्रो स्टेशन के निकास गेट को बंद कर दिया गया। पुलिस ने दिल्ली गेट पर भी बैरिकेडिंग कर दी और जेएनयू परिसर में दो हजार से अधिक पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया।
दूसरी ओर संयुक्त पुलिस आयुक्त (नई दिल्ली) आनंद मोहन ने बताया जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में लाठियों से लैस नकाबपोश लोगों द्वारा छात्रों और शिक्षकों पर हमला करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटना के बाद परिसर में शांति कायम हो गई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को परिसर में पुलिस को बुलाना पड़ा था। पुलिस ने परिसर में फ्लैग मार्च किया।
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