कन्हैया पर मुकदमा चलाने की अनुमति लेने के लिए पुलिस को मिला दो माह का वक्त
दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि दिल्ली सरकार से अभी तक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित 10 के खिलाफ देशद्रोह के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिली है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (file photo) |
उससे संबंधित फाइल सरकार के गृह विभाग के पास लंबित है। पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक पुलिस को अनुमति लेने के लिए दो महीने का समय दे दिया और सुनवाई 19 फरवरी के लिए स्थगित कर दी।
सरकार से अभी तक मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने पर फैसला न लिए जाने पर अदालत ने 18 सितम्बर को खेद जताया था और कहा कि यह मामला 14 जनवरी से ही लंबित है। इसपर निर्णय लिए जाने को लेकर कई बार समय मांगा जा चुका है। इससे अदालत का समय बर्बाद हो रहा है। पुलिस ने सभी के खिलाफ 14 जनवरी को आठ पन्नों क आरोप पत्र दाखिल किया था। पुलिस ने आरोप पत्र में मुख्य आरोपी कन्हैया कुमार के अलावा पूर्व छात्र उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य को बनाया है। वे तीनों इस मामले में गिरफ्तार किए गए थे। इसके अलावा कश्मीरी छात्र आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईया रसूल, बशीर भट व बशरत को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने आरोप पत्र के कॉलम 12 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता डी. राजा की बेटी अपराजिता, जेएनयूएसयू छात्र संघ की तत्कालीन उपाध्यक्ष शहला राशिद, राम नागा, आशुतोष कुमार के अलावा बनोज्योत्सना लाहिरी सहित कम से कम 36 अन्य लोगों नाम दिये हैं। उनलोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले थे।
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