बिहार के लोगों के शव सड़क मार्ग से भेजे जाएंगे
अनाज मंडी इलाके में रविवार को लगी भीषण आग में मरने वाले लोगों के परिवारों के दबाव के आगे झुकते हुए, बिहार सरकार ने तय किया है कि राज्य के निवासियों के शव ट्रेन के बजाए सड़क मार्ग से उनके घर भेजे जाएंगे।
शवगृह के बाहर शवों का इंतजार करते परिजन। |
इससे पहले फैसला किया गया था कि ये शव स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के एसएलआर कोच में रखकर ले जाएं जाएंगे। हालांकि, पीड़ितों के परिवारों ने इस तरह की व्यवस्था पर आपत्ति प्रकट की थी और शवों को सड़क मार्ग से भेजे जाने को चुना। मृतकों के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों की इस मुद्दे पर अस्पताल अधिकारियों से नोंकझोंक भी हुई थी।
बिहार भवन में संयुक्त श्रम आयुक्त कुमार दिग्विजय ने बताया, ‘परिवार शवों को ट्रेन से भेजने को लेकर सहज नहीं थे, इसलिए हमने एंबुलेंसों में शवों को भेजने का फैसला किया है । एक एंबुलेंस में दो शव होंगे। ‘शवों को ट्रेन से भेजने की सभी तैयारियां कर ली गईं थीं।
ट्रेन में विशेष कोच भी लगाए गए थे लेकिन परिवार के सदस्यों (मृतकों के) ने शवों को ट्रेन से भेजे जाने पर आपत्ति जताई।’उन्होंने कहा, ‘जब भी पोस्टमार्टम पूरा हो जाएगा, हम शवों को घर भेजना शुरू कर देंगे। अब तक 36 शवों की शिनाख्त की गई है जो बिहार के रहने वाले थे।
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