ऑड-ईवन आधा-अधूरा समाधान : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण पर कहा कि ऑड-ईवन आधा-अधूरा समाधान है, इस योजना के लागू होने के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ रहा है अच्छा होता अगर बिना छूट दिए इसे लागू किया जाता है।
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उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिये उठाये गये कदमों की जानकारी प्राप्त करने के लिये शुक्रवार को पंजाब, हरियाणा, उप्र और दिल्ली मुख्य सचिवों को तलब किया है।
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि वायु प्रदूषण कम करने के लिये प्रभावी कदम उठाने चाहिए और दिल्ली में प्रदूषण वाले 13 मुख्य स्थानों को प्रदूषकों से मुक्त किया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने ऑड-ईवन योजना से दुपहिया और तिपहिया वाहनों सहित कतिपय वाहनों को छूट प्रदान करने पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा और कहा कि यह योजना लागू होने के बावजूद राजधानी मे प्रदूषण का स्तर बढ रहा है।
न्यायालय ने पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने मे कटौती किये जाने के बावजूद दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होने पर चिंता व्यक्त् की।
दिल्ली सरकार ने पीठ से कहा कि उसकी ऑड-ईवन योजना प्रदूषण कम करने में मददगार हुयी है और इस क्षेत्र में प्रदूषण का मुख्य कारक पराली का जलाना है।
इस बीच, केन्द्र ने न्यायालय को सूचित किया कि वह दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लये ‘स्माग टावर’ लगाने की संभावना पर गौर कर रहा है।
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सोमवार की सुबह को हम ऑड-ईवन योजना की समयसीमा को आगे बढ़ाने पर फैसला लेंगे
विश्व वायु गुणवत्ता सूचकांक रैंकिंग पर एयर विजुअल के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली ने शुक्रवार को 527 एआईक्यू के साथ दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर होने का दर्जा प्राप्त कर लिया है।
एयर विजुअल के मुताबिक, पांच नवंबर को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे और इसके बाद लगातार नौ दिनों तक यह खतरनाक स्थिति में था। सार्वजनिक रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से दूषित वायु के बने रहने की यह सबसे लंबी अवधि रही।
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