अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद राजधानी में खुशी की लहर, डीयू और जेएनयू में मना जश्न
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने पर दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू में जश्न मनाया गया। डीयू में एबीवीपी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने पर डीयू के कला संकाय पर जोरदार जश्न मनाया।
अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में खुशी ने डांस करते एबीवीपी के कार्यकर्ता। फोटो : एसएनबी |
इस दौरान एक-दूसरे को इस राष्ट्रवादी ऐतिहासिक कदम पर हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए मिष्ठान वितरण किया।
डीयू में छात्रों को संबोधित करते हुए अखिल एबीवीपी राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर का भारत में वास्तविक मिलन है। यह सरकार की दृढ़इच्छाशक्तिको प्रदर्शित करता है। एबीवीपी बीते कई दशकों से लगातार यह मांग कर रही थी कि धारा 370 हटाई जाए और विस्थापित कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास किया जाए। एबीवीपी के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी जम्मू-कश्मीर में शांति चाहती है। यह धारा 370 ही थी जो जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने में सबसे बड़ी बाधा थी जो आज दूर हो गई। इस अवसर पर डूसू के अध्यक्ष शक्ति सिंह तथा सह सचिव ज्योति चौधरी उपस्थित रहे तथा उन्होंने संयुक्त बयान में भारत सरकार के इस कदम का हार्दिक स्वागत करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की ओर से केंद्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कड़ी में जेएनयू में हिन्दूवादी नेता राघवेन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में गंगा ढाबा परिसर में छात्र एकत्र हुए। इस दौरान यहां जश्न मनाते हुए मिठाईयां बांटी गई।
जम्मू-कश्मीर अब हुआ भारत का अभिन्न अंग
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जैसे संसद में सोमवार को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने की खुशी में कुछ लोगों ने दीपोत्सव मनाया और कहा कि सही मायने में देश की आजादी के बाद अब जम्मू कश्मीर आजाद हुआ है। इसका सीधा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।
प्रख्यात हिंदु विश्लेषक वयोवृद्ध डा. जीएस सचदेवा ने कहा कि सचमुच हमें ऐसा होने का लंबे समय से इंतजार था, जो हमारे जीते जी भाजपा सरकार ने अपनी अदूरदर्शिता का परिचय देते हुए पुरा कर दिखाया। उन्होंने कहा कि श्रीनगर से लेकर अब हम कन्याकुमारी का नाम बड़े अदब और संतोषजनक तरीके से ले सकते हैं।
इंडियन यूथ पॉवर के अध्यक्ष राकेश कुमार ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि सचमुच अब हम यह कह सकते हैं कि कश्मीर हमारे देश का हृदय है। यहां के लोग जो लंबे समय से दंश झेल रहे थे, अपने मान सम्मान की रक्षा चाहते हुए भी नहीं कर पा रहे थे, वे गौरवांवित महसूस कर रहे हैं।
समाजसेवी जवाहर सिंह ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। यह सुखद और मन को शांति देने वाला कदम है। चूंकि अभी इसके नियम अधिनियमों में फेरबदल करने की गुंजाइश है मुझे उम्मीद है कि सरकार जब भी नियमों को लागू करने के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित करेगी तब इस मुद्दे को सही तरीके से अनुपालन करेगी। द्वारका कोर्ट बार एसोसिएशन के सह सचिव अरविंद वशिष्ठ ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह सचमुच अब भारत देश अनेकता में एकता की परिभाषा पर सटीक बैठेंगे।
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