दिल्ली स्तब्ध.. अंतिम दर्शन के लिए तांता
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मिलनसार व्यक्तित्व की मालिक शीला दीक्षित के निधन की खबर सुनकर दिल्लीवासी स्तब्ध रह गए। हर तरफ शोक की लहर दौड़ गई।
नई दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित आवास पर शीला दीक्षित के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी। |
चाहे उनका समर्थक हो या राजनीतिक विरोधी हर किसी की जुबां पर बस एक ही शब्द निकल रहा था कि यह क्या हो गया। उनके निधन की खबर सुनने के बाद उन्हें श्रृद्धांजलि देने के लिए निजामुद्दीन स्थित उनके आवास सर लोगों का तांता लग गया। कांग्रेस कार्यकर्ता हों या नेता, विरोधी दलों के नेता सब के कदम उनके आवास की तरफ ही बढ़ रहे थे।
शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर निजामुद्दीन स्थित उनके निवास स्थान पर सायं 5.20 जब पहुंचा तब तक उनके घर के बाहर कांग्रेस समर्थकों और उनके चाहने वालों की बहुत बड़ी भीड़ जुट चुकी थी। हर कोई उनके साथ अपने रिश्ते,मुलाकातों और छोटी-बड़ी यादों का जिक्र कर रहा था। हर किसी के पास उनसे जुड़ी कहानियां थीं।
कई महिलाएं और पुरुष बिलख-बिलख कर रो रहे थे। जब एम्बुलेंस से दिवंगत नेता का पार्थिव शरीर उतारा गया तो ‘शीला दीक्षित अमर रहें’ के नारे से पूरा माहौल गूंज उठा जिसमें लोगों के विलाप करने के स्वर स्थिति को गमगीन बना रहे थे।
शीला दीक्षित के पार्थिव शरीर के उनके आवास पर पहुंचने से पहले कांग्रेस नेता मंगतराम सिंघल व रामाकांत गोस्वामी मौजूद थे। इसके बाद जगदीश टाइटलर, किरण वालिया और भाजपा नेता विजय गोयल भी पहुंचे। गोयल ने शीला दीक्षित को याद करते हुए कहा कि उनके साथ पारिवारिक रिश्ता था और वह पिछली बार जब घर पर आई थीं तो कहा था कि दोबारा आऊंगी तो परांठे खिलाना।
गोयल ने कहा कि उन्हें परांठे बहुत पसंद थे। उन्होंने यह भी कहा कि हमने कहा था कि आम आदमी पार्टी से कभी भी गठबंधन नहीं करना। उनके जाने के बाद शिवराज पाटिल, वरिष्ठ नेता शरद यादव, सीताराम येचुरी, कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी, पूर्व पुलिस अधिकारी आमोद कंठ भी पहुंचे।
सोनिया गांधी सायं 6.42 बजे पहुंचीं और कुछ वक्त रुकने के बाद वह लौट गई। उनके चेहरे पर शीला दीक्षित के निधन का दुख साफ दिखाई दे रहा था।
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