एम्स समेत देश के अस्पतालों में शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं रहेंगी प्रभावित
पश्चिम बंगाल के कोलकाता मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों पर हुए हमले का विरोध अब पूरे देश में पहुंच चुका है।
पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में डॉक्टरों पर हुए हमले के विरोध में एवं सुरक्षा की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते डॉक्टरों से जुड़े विभिन्न संगठनों के सदस्य। फोटो : एसएनबी |
बृहस्पतिवार को दिल्ली एम्स सहित देश भर के सरकारी और निजी डॉक्टरों से शुक्रवार को एक दिन की हड़ताल में शामिल होने की अपील की है। हालांकि डॉक्टरों का ये भी कहना है कि ये सिर्फ मेडिकल बंद की अपील है। इसमें शामिल होना या न होना डॉक्टरों का फैसला होगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि 14 जून को अस्पतालों में मरीजों को इलाज के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि निजी क्षेत्र ने इस प्रदर्शन से दूरी बनाई हुई है। वहीं ज्यादातर राज्य सरकारों के अस्पताल भी इसमें शामिल नहीं है। शायद इसीलिए दिल्ली सरकार के डॉक्टरों ने अबतक हड़ताल पर समर्थन की स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
उधर, एम्स के अलावा सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिग हास्पिटल, लाला राम स्वरूप तपेदिक रोग संस्थान आदि के डॉक्टरों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों की ओर से जानकारी नहीं मिली है। डॉक्टरों की इस देश व्यापी बंद की घोषणा के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं रखने के निर्देश भी दिए हैं। एम्स प्रशासन के अनुसार शुक्रवार को हड़ताल के दौरान गंभीर मरीजों के इलाज प्रसूति और आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उधर, हड़ताल के पूर्व घोषित तिथि के एक दिन पहले बृहस्पतिवार को एम्स के डाक्टरों ने हेल्मेट पहनकर और बैंडेज बांधकर मरीजों को देखा।
इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में निजी और सरकारी अस्पतालों, क्लीनिकों व नर्सिंग होम्स को पत्र लिख दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने शुक्रवार को देशव्यापी मेडिकल बंद को समर्थन करने की अपील की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष और दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के सचिव डा. गिरीश त्यागी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ चुकी हैं।
वहीं, एम्स आरडीए के अध्यक्ष डा. अमरिंदर सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टर हड़ताल पर हैं।
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