उपहार जैसे हादसे का इंतजार कर रहा डीडीए : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 06 Feb 2018 02:32:55 AM IST

सीलिंग को निष्प्रभावी करने के लिए मास्टर प्लान में बदलाव के प्रयास पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डीडीए तथा अन्य स्थानीय निकाय उपहार जैसे बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं.


सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समूची दिल्ली में प्रदूषण और पार्किंग की समस्या लगातर बढ़ रही है. इसके बावजूद डीडीए एफएआर बढ़ा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने साफतौर पर कहा कि डीडीए ने किसी दबाव के आगे घुटने टेक दिए हैं.

दिल्ली में सीलिंग से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) किसी तरह के दबाव के आगे झुक रहा है. जस्टिस मदन लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि दिल्ली में हर कोई अपनी आंखें मूंदे है और कोई हादसा होने का इंतजार कर रहा है.

एमसीडी और अन्य निकायों ने उपहार सिनेमा अग्निकांड, बवाना तथा कमला मिल्स जैसी घटनाओं से भी कुछ नहीं सीखा है. दिल्ली विकास प्राधिकरण ने हाल ही में दुकान-रिहाइशी भूखंडों और परिसरों का एफएआर और रिहाइशी भूखंडों के बराबर करने का प्रस्ताव किया है.

प्राधिकरण के इस कदम से सीलिंग के खतरे का सामना कर रहे कारोबारियों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी. अदालत ने डीडीए से सवाल किया कि दिल्ली में रहने वाली जनता के बारे में क्या कहना है. आपको जनता का पक्ष भी सुनना होगा.

आप सिर्फ  कुछ लोगों को ही नहीं सुन सकते. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में हो रहे अनिधकृत निर्माणों का जिक्र किया और कहा कि आप दिल्ली की जनता के हितों का ध्यान रख रहे हैं या नहीं. बेंच  ने कानून का शासन बनाये रखने पर जोर देते हुए कहा कि दिल्ली कचरा प्रबंधन, प्रदूषण और पार्किंग जैसी अनेक समस्याओं से जूझ रही है.

अदालत ने टिप्पणी की कि दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित 20 शहरों में से 13 भारत में है. दिल्ली उनमें संभवत: सबसे अधिक प्रदूषित है. मैं नहीं जानता कि दिल्ली में निकाय प्राधिकारी क्या कर रहे हैं.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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