दूसरे दिन बाजार बंद का रहा मिला जुला असर

Last Updated 04 Feb 2018 01:04:45 AM IST

सीलिंग के विरोध में दिल्ली बंद का असर दूसरे दिन शनिवार को भी मिला जुला ही देखने को मिला. आज भी पुरानी दिल्ली इलाके में सन्नाटा पसरा था, जबकि दिल्ली के अन्य बाजारों में गहमा गहमी रही.


सीलिंग के विरोध में दो दिवसीय बंद के दूसरे दिन खान मार्केट में खुली दुकानें.

पुरानी दिल्ली के थोक बाजार पूरी तरह से बंद रहे. कनाट प्लेस और खान मार्केट में दोपहर बाद धीरे-धीरे दुकानें खुल गई.

व्यापारियों के संगठन कानफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शनिवार को भी पूरी तरह से दिल्ली के बाजारों के बंद होने का दावा किया है. ऐसा ही दावा चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने भी किया है. कैट द्वारा आहूत 48 घंटे का बंद शनिवार को समाप्त हो जाएगा जबकि सीटीआई ने 72 घंटे के बंद का आह्वान किया है. इसके अनुसार रविवार को भी बाजार बंद रहेंगे. कैट ने दो दिनों के बंद के दौरान करीब 3500 करोड़ रुपए के कारोबार का तथा सरकार को 300 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होने का दावा किया है. वहीं दूसरी ओर सीटीआई के कन्वीनर बृजेश गोयल और हेमन्त गुप्ता ने बंद को सफल बताते हुए कहा कि हमारा बंद रविवार को भी जारी रहेगा. गोयल ने कहा कि रविवार को सभी व्यापारी राजघाट पर एकत्र होकर दिल्ली में सीलिंग रुकवाने के लिए प्रार्थना करेंगे.

कैट के आह्वान पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए व्यापारी नेताओं ने दिल्ली के व्यापारियों के साथ मिलकर लालकिले से टाउन हॉल चांदनी चौक तक एक विरोध मार्च निकाला और बाद में टाउन हॉल पर धरने में शामिल हुए. कल की तरह आज भी दिल्ली के विभिन्न बाजारों में सीलिंग और सरकार के खिलाफ विरोध मार्च, प्रदर्शन, धरने आदि का सिलसिला जारी रहा. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने डीडीए के सीलिंग से बचाने के लिए मास्टर प्लान में संशोधन के प्रस्तावों की सराहना करते हुए कहा कि एक बार अमल में लाने के बाद व्यापारियों को इनसे राहत मिलने की उम्मीद है लेकिन कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे अभी भी रह गए हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी है.
खंडेलवाल ने रविवार से दिल्ली में बाजारों के खुले रहने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में कैट की ओर से केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पूरी को एक 12 सूत्री ज्ञापन भेजा है. इसमें कहा गया है कि स्पेशल एरिया में री-डेवलपमेंट प्लान बनने तक किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए और न ही सीलिंग हो. जो एलएसी 1998 में घोषित हुई थी उनसे 1998 में जो चार्ज था वही वसूला जाए. एलएसी में प्लाट साइज 175 मीटर के स्थान पर 250 मीटर किया जाए. एफएआर को नियमित एवं उसमें इजाफा करने के लिए पार्किग की शर्त हटाई जाए. ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्सटेंशन एवं ग्रीन पार्क को भी डीएलएफ ने बनाया था लिहाजा इन कॉलोनियों को भी पुनर्वास कॉलोनी की सूची में शामिल किया जाए. बेसमेंट का कमर्शियल यूज मिक्स्ड लैंड स्ट्रीट एवं पेडेस्ट्रियन स्ट्रीट पर भी लागू किया जाए. जिन लोगों ने 10 साल तक का कन्वर्जन शुल्क दे दिया है उनसे अब और शुल्क नहीं लिया जाए.
दूसरी ओर पूर्वी दिल्ली में व्यापारियों ने सीलिंग के विरोध में शनिवार को भी अपनी दुकानें बंद रखीं. कई जगह व्यापारियों ने शाम तक अपनी दुकानें बंद रखीं, वहीं कई दुकानदारों ने दोपहर को अपनी दुकानें खोल ली. मार्केट के प्रधान एसके गोयल तथा रघुवरपुरा के प्रधान श्रीपाल गुप्ता के अलावा पूर्व पाषर्द वरयाम कौर ने कहा कि सीलिंग के चलते व्यापारियों का कारोबार चौपट हो गया है. कृष्णानगर मार्केट के अध्यक्ष जुगल अरोड़ा का कहना है ारकार सीलिंग को लेकर गंभीर दिख रही है इसलिए दोपहर के बाद सभी ने हड़ताल खत्म कर अपनी दुकानें खोल ली.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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