आयकर विभाग परेशान कर रहा : आप

Last Updated 13 Jan 2017 09:44:32 PM IST

आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को कहा कि आयकर विभाग उसे परेशान कर रहा है और गोवा तथा पंजाब में चार फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हमारे खिलाफ छापेमारी की योजना बना रहा है.


आप के प्रवक्ता तथा कोषाध्यक्ष राघव चड्ढा (फाइल फोटो)

आप के प्रवक्ता तथा कोषाध्यक्ष राघव चड्ढा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आप के खिलाफ झूठा मुकदमा बनाने के लिए आयकर विभाग पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का भारी दबाव है.

आप को पहले आयकर विभाग से महीने में दो-तीन नोटिस मिल रहे थे, लेकिन अब रोजाना एक-दो नोटिस आ रहे हैं और उनका उद्देश्य आप नेताओं को उलझा देना है, ताकि वे दोनों राज्यों के चुनाव प्रचार में हिस्सा न ले सकें.

उन्होंने कहा, "यह पीएमओ की हताशा का परिचायक है. हमें लग रहा है कि आप के कोषाध्यक्ष व पूर्व कोषाध्यक्ष के घर पर चार फरवरी से पहले छापेमारी हो सकती है."

उन्होंने केंद्र सरकार पर परेशान करने का आरोप लगाया और कहा कि उनका उद्देश्य गोवा तथा पंजाब में आप की लहर को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाना है.

पेशे से चार्टर अकाउंटेंट चड्ढा ने कहा कि वह इस बात को लेकर निश्चिंत हैं कि आप की फंडिंग व अकाउंट में कोई गड़बड़ी नहीं है, जिसे लेकर आयकर विभाग हतोत्साहित है.

उन्होंने कहा कि आप को 92 फीसदी चंदा उसके बैंक खातों के माध्यम से मिला है और यहां तक कि बाकी का आठ फीसदी चंदा भी बैंकों में ही जमा है.

कोषाध्यक्ष ने कहा, "हम अपने चंदे का 100 फीसदी हिसाब रखते हैं. हम चंदा स्वरूप मिले पांच रुपये का भी हिसाब रखते हैं. हम आयकर विभाग के नोटिसों का जवाब भी दे रहे हैं. लेकिन हम कुछ सवाल पूछना चाहते हैं."

उन्होंने कहा, "क्या आयकर विभाग ने कभी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या कांग्रेस पार्टी से सवाल किया है, जिन्हें 75 फीसदी चंदा नकदी में मिलता है? क्या अधिकारियों ने उनके कोषाध्यक्ष या ऑडिटर के घर पर छापेमारी की?"

चड्ढा ने कहा कि आयकर विभाग के नोटिसों में साल 2010 से पहले की भी सूचना मांगी गई है, जबकि आप का गठन साल 2012 में हुआ था.



उन्होंने कहा, "आयकर विभाग को ऐसा कुछ निकालने को कहा गया है, जिसे टेलीविजन चैनलों को दिया जाए और उसे पंजाब तथा गोवा विधानसभा चुनाव से पहले चलाया जाए."

चड्ढा ने कहा, "कुछ इसी तरह की रणनीति साल 2013 व 2015 में दिल्ली चुनाव से पहले अपनाई गई थी, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया."

उन्होंने कहा, "हम यह भी जानना चाहेंगे कि साल 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से लेकर अब तक भाजपा तथा कांग्रेस को आयकर विभाग के कितने नोटिस मिले."

आईएएनएस


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