दिल्ली सरकार के लिए वैट लक्ष्य हासिल करना मुश्किल

Last Updated 14 Jan 2017 05:45:15 AM IST

दिल्ली सरकार राजस्व वसूली के लक्ष्य से लगभग 9 हजार करोड़ रुपए पीछे है.


दिल्ली सरकार के लिए वैट लक्ष्य हासिल करना मुश्किल

इस वित्त वर्ष में राजस्व वसूली का लक्ष्य 31,370 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है जबकि 31 दिसम्बर तक मात्र 22,460 करोड़ की वसूली हो पाई है. लिहाजा सरकार लक्ष्य से पीछे है. मुख्यमंत्री अभी पंजाब चुनाव में व्यस्त हैं इसलिए दिल्ली के मामलों पर कोई ठोस निर्णय नहीं हो पा रहा है. लक्ष्य में कमी के कारण सरकार के विभागों के दिए योजना बजट में कटौती की जा रही है.

साथ ही सरकार के समक्ष वृद्धावस्था पेंशन के लिए 170 करोड़ अतिरिक्त धनराशि जुटाने की चुनौती भी है. आबकारी विभाग राजस्व वसूली में सबसे ज्यादा पिछड़ गया है. इसका प्रभाव विभिन्न योजनाओं पर भी पड़ेगा.

वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही शेष है लेकिन आबकारी विभाग द्वारा राजस्व वसूली में निगेटिव बढ़ोतरी दर्शायी जा रही है. सूत्रों के अनुसार आबकारी विभाग के राजस्व वसूली का निगेटिव ग्रोथ रेट -0.27 प्रतिशत है. इस विभाग को 4500 करोड़ की राजस्व वसूली करने का लक्ष्य दिया गया है जबकि 3030 करोड़ रुपए की वसूली हो पाई है.

आबकारी आयुक्त ने मुख्य सचिव को सूचित किया है कि शराब की नई दुकान खोलने पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है जिस कारण लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल है.

वैट विभाग द्वारा राजस्व वसूली का लक्ष्य 21 हजार करोड़ किया गया है. पूर्व में यह लक्ष्य 24 हजार करोड़ था जिसे घटा दिया गया है लेकिन अब तक वैट से 15,098 करोड़ की वसूली हो पाई है. इस हिसाब से नए 21 हजार करोड़ के लक्ष्य को प्राप्त करना भी संभव नहीं है.

वैट कमिश्नर ने मुख्य सचिव को जानकारी दी है कि राजधानी में 2000 सीसी से ज्यादा के एसयूवी वाहनों का पंजीकरण बंद कर दिया है जिससे एसयूवी का पंजीकरण नोएडा व गुड़गांव में होने लगा है. लिहाजा वैट वसूली में कमी आ चुकी है.

इसी प्रकार स्टांप डय़ूटी से राजस्व वसूली का लक्ष्य 3450 करोड़ रुपए है जबकि वसूली 2400 करोड़ हो पाई है. मनोरंजन कर से राजस्व वसूली का लक्ष्य 250 करोड़ है तथा वसूली 203 करोड़ हो पाई है लेकिन 9000 करोड़ राजस्व वसूली में कमी की भरपाई सरकार के लिए चिंता का विषय है.

संजय के झा
समयलाइव डेस्क


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