PM Modi की टिप्पणी ’कांग्रेस राममंदिर ढहा देगी‘ पर सलमान खुर्शीद ने जताई आपत्ति
पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के इस आरोप पर कड़ी आपत्ति जताई कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो वह अयोध्या में ‘राम मंदिर को ढहा देगी।’
![]() सलमान खुर्शीद |
खुर्शीद ने बिहार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी को यह याद दिलाया कि पूरे देश ने उस मंदिर को स्वीकार कर लिया है जिसका निर्माण उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार किया गया है।’
राम मंदिर के निर्माण का श्रेय PM Modi को नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट को
खुर्शीद ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए कि मंदिर के निर्माण का श्रेय उन्हें नहीं बल्कि उच्चतम न्यायालय को जाता है। ईर सभी के हैं और उपासना स्थल भी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ऐसी भाषा बोल रहे हैं।’
मोदी का उड़ाया मखौल
केंद्र की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में कानून और न्याय और अल्पसंख्यक मामलों जैसे विभाग संभाल चुके खुर्शीद ने कहा, ‘हमारी पार्टी कानून के शासन में विश्वास करती है। हम किसी भी उपासना स्थल को तोड़ना नहीं चाहते हैं।’ उन्होंने हाल ही में कांग्रेस पर मोदी द्वारा लगाए गए इन आरोपों का भी मखौल उड़ाया कि हम पशुपालकों की भैंस और महिलाओं से उनके मंगलसूत्र छीन लेंगे।’
खुर्शीद ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया है कि हमारे घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप है। उन्हें हमें बताना चाहिए कि ऐसी तुलना करने के लिए उन्हें मुस्लिम लीग का घोषणापत्र कब पढने को मिला।’
कांग्रेस नेता खुर्शीद ने दावा किया कि प्रधानमंत्री और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं के आरोप ‘इस बात के सबूत हैं कि उन्हें भी लगने लगा है कि हम सत्ता में आ रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी हाल में चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त हैं। सत्ता में आने के बाद हम अग्निपथ योजना को खत्म करने और गरीबों को 10 किलोग्राम मुफ्त राशन देने जैसे वादे पूरे करेंगे।
भाजपा अपनी पांच किलोग्राम राशन योजना के बारे में शेखी बघारती है, जिसका श्रेय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को जाता है जो संप्रग शासन के तहत पारित किया गया था।’
खुर्शीद ने आबादी के एक वर्ग को ‘पाकिस्तान समर्थक’ करार देने संबंधी भाजपा नेताओं की टिप्पणी पर अप्रसन्नता जताई और कहा, ‘उन्हें अपने बच्चों को पड़ोसी देश में भेजने दें, जिसका वे अपने भाषण में अक्सर उल्लेख करते हैं। मैं अपने पूर्वजों का आभारी हूं जिन्होंने विभाजन के दौरान सौतेली मां की अपेक्षा अपनी मां को प्राथमिकता देते हुए यहीं रहने का निर्णय लिया।’
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