पूर्वी दिल्ली में मंदिर तोड़ने पहुंचा डीडीए दस्ता, बवाल, बसों में तोड़-फोड़
पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर के प्रियदर्शनी विहार में मंदिर तोड़ने आए दिल्ली विकास प्राधिकारण (डीडीए) के दस्ते एवं पुलिस को भीड़ का भारी विरोध झेलना पड़ा.
![]() डीडीए द्वारा तोड़ी गई लक्ष्मी नारायण मंदिर की दीवारें. |
गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ करने गए दस्ते को मंदिर परिसर में घुसने ही नहीं दिया. वे एक लाइन से मंदिर के मुख्य द्वार पर लेट गए. पुलिस व डीडीए दस्ते को बैरंग लौटना पड़ा.
गुस्साए लोगों ने उस दौरान आसपास से गुजर रही दिल्ली परिवहन निगम की कम से कम 13 बसों में तोड़फोड़ क र दी. लोगों ने दस्ते में शामिल दो डीडीए की जेसीबी मशीन के टायर पंचर कर दिए उसे चला रहे चालक को बंधक बना दिया. मंदिर तोड़ने का विरोध कर रहे लोगों के समर्थन में कई नेता व साधु भी प्रियदर्शिनी विहार पहुंचे थे.
डीडीए के एक अधिकारी ने कहा कि यह कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश के तहत की गई. करीब एक हजार गज में बने ए-ब्लॉक, प्रियदर्शिनी विहार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर व सत्संग भवन को तोड़ने का आदेश था. तीन सितम्बर को डीडीए दस्ते ने चुपचाप परिसर में बने सत्संग भवन को तोड़ भी दिया था.
मंगलवार और बुधवार को मंदिर तोड़ना था. इसी के विरोध में मंगलवार सुबह करीब 8 बजे लोगों की भारी भीड़ मंदिर परिसर के आसपास इकट्ठा हो गई. स्थानीय लोगों ने लक्ष्मी नगर मार्केट भी पूरी तरह बंद रखा. सुबह करीब 9.30 बजे जैसे ही डीडीए दस्ता व पुलिस मौके पर पहुंची. उन्हें भीड़ के विरोध का सामना करना पड़ा. कुछ लोगों ने लक्ष्मी नगर मार्केट रोड पर जगह-जगह टायर जलाकर आगजनी भी की. उस दौरान लोग सड़कों पर लेट गए थे. जिससे लोगों को गंतव्य तक जाने के लिए घंटों यातायात से जूझना पड़ा.
ऐसे निकाला गुस्सा : पुलिस के अनुसार गुस्साई भीड़ ने पहले डिस्यूज कैनाल रोड पर डीडीए की दो जेसीबी मशीन तोड़ दी. इसके बाद लोगों ने विकास मार्ग पर 10 डीटीसी और कलस्टर बस के शीशे तोड़ दिए. डिस्यूज कैनाल रोड पर भी तीन बसों के शीशे तोड़ डाले गए. दिन-भर पुलिस व डीडीए के खिलाफ नारेबाजी चलती रही. कई बार पुलिस व डीडीए दस्ते ने मंदिर के पास पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ के आक्रोश को देखते हुए मंदिर तोड़े जाने की कार्रवाई नहीं हो पाई.
हालात को देखते हुए पुलिस बल बुला लिया गया. दिन-भर पूरा इलाका छावनी में तब्दील रहा. इधर मंदिर तोड़े जाने का विरोध करने के लिए नेताओं और साधुओं ने परिसर में डेरा डाल दिया. साध्वी प्राची ने भी मंदिर पहुंचकर स्थानीय लोगों का समर्थन किया.
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