MP BJP को नकारात्मक फीडबैक को सकारात्मक में बदलने की चुनौती

Last Updated 15 Jun 2023 09:25:36 PM IST

मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जमीनी स्तर से आ रहे नकारात्मक फीडबैक ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। यही कारण है कि पार्टी ने इस नकारात्मक फीडबैक को सकारात्मक करने की मुहिम तेज कर दी है।


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 एक तरफ जहां राष्ट्रीय नेताओं के राज्य में दौरे हो रहे हैं तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का दौरा प्रस्तावित है। राज्य में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को डेढ़ दशक तक सत्ता में रहने के बाद बाहर होना पड़ा था और कांग्रेस के हाथ सत्ता आ गई थी। कांग्रेस में छिड़े भीतरी संघर्ष के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़ा और कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी, जिससे भाजपा फिर सत्ता में आ गई।

राज्य में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और वर्ष 2018 के नतीजों से भाजपा सबक ले चुकी है, लिहाजा उसने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जमीनी सर्वे कराए हैं। सर्वे रिपोर्ट ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। लिहाजा, पार्टी सर्वे को गंभीरता से लेने के साथ जमीनी हालात में सुधार लाने की कोशिशों में जुट गई है।

राज्य में भाजपा का विशेष जनसंपर्क अभियान चल रहा है, इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों की नेता दौरे पर हैं और नरेंद्र मोदी के नौ साल का ब्यौरा दे दे रहे हैं। कुल मिलाकर भाजपा केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की चर्चा कर बदलते देश की तस्वीर भी पेश कर रहे हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं का जहां एक तरफ राज्य में दौरा चल रहा है, वही आगामी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा का मध्य प्रदेश का दौरा प्रस्तावित है। पार्टी प्रधानमंत्री सहित अन्य नेताओं के दौरे के जरिए राज्य का सियासी माहौल बदलना चाहती है, इसीलिए राष्ट्रीय नेतृत्व की मध्य प्रदेश पर हाथ नजर भी है।

राज्य के वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव पर नजर दौड़ाई जाए तो 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 109 सीटें ही मिली थी और कांग्रेस 114 सीटें लेकर बहुमत के करीब पहुंच गई थी। सपा, बसपा व निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने के चलते कांग्रेस की कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी। लगभग 15 मई यह सरकार चली और ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के चलते 22 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी, जिससे कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आ गई और आगे चलकर भाजपा ने शिवराज के नेतृत्व में फिर सरकार बनाई। उपचुनाव में भाजपा को बड़ी सफलता मिली और पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई।
 

 

आईएएनएस
भोपाल


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