व्यापम मामलों में सीबीआई ने पूरक आरोपपत्र दायर किए
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने मध्यप्रदेश में व्यापम की ओर से आयोजित प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) 2009 और परिवहन कांस्टेबल भर्ती परीक्षा (टीसीआरटी) 2012 परीक्षाओं से संबंधित अलग-अलग मामलों में दो पूरक आरोपपत्र दायर किए हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो |
सीबीआई के एक अधिकारी ने यहां कहा कि पहले मामले में व्यापम द्वारा आयोजित पीएमटी -2009 परीक्षा से संबंधित उम्मीदवारों, माता-पिता या अभिभावकों और बिचौलियों सहित 126 आरोपियों के खिलाफ ग्वालियर की सीबीआई अदालत में एक पूरक आरोपपत्र दायर किया गया है।
एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 21 अगस्त 2015 को मामला दर्ज किया था।
अधिकारी ने कहा, "सीबीआई ने जांच के दौरान, यह पाया गया कि 36 उम्मीदवारों ने बिचौलियों, माता-पिता की मदद से अपनी ओर से एमपीपीएमटी-2009 की लिखित परीक्षा में उपस्थित होने के लिए किसी और को बिठाया था। इसलिए उन्होंने अवैध रूप से परीक्षा उत्तीर्ण की और एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया।
सीबीआई ने लगभग 16 लाख छात्रों का डेटाबेस तैयार किया था, जिसमें विभिन्न कोचिंग कक्षाओं में पीएमटी के लिए कोचिंग ले रहे छात्रों, विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस छात्रों, पंजीकृत डॉक्टरों आदि की आरोपी उम्मीदवारों के आवेदन में उपलब्ध आवेदक के फोटो की तुलना की।
अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने आरोपी उम्मीदवारों की ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं पर उपलब्ध तस्वीरों और लिखावट पर भी विशेषज्ञों की राय ली।
इससे पहले, सीबीआई ने 28 जून 2016 को आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
वहीं दूसरे मामले के तहत, सीबीआई ने टीसीआरटी-2012 की परीक्षा में ऐसे 18 उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने अपने बदले किसी अन्य को परीक्षा में बिठाया। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर उक्त मामला दर्ज किया था और व्यापम की ओर से आयोजित टीसीआरटी-2018 के कुछ उम्मीदवारों के ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं में कथित हेरफेर से संबंधित जांच और डिजिटल डेटा से संबंधित जांच को सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया था।
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