शिवराज मंत्रिमंडल के नाम तय होंगे दिल्ली में

Last Updated 25 May 2020 08:56:27 PM IST

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज हो गई है। प्रस्तावित विस्तार में प्रदेश संगठन के साथ राष्ट्रीय संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है और अंतिम नामों पर अंतिम मोहर दिल्ली से ही लगेगी।


मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार राज्य में भाजपा पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद के सहारे सत्ता में आई है और भाजपा को पूर्व में किए गए वादों पर अमल भी करना है।

कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार का कार्यकाल डेढ़ साल का रहा है क्योंकि सिंधिया समर्थक 22 सदस्यों ने एक साथ पार्टी से इस्तीफा देने के साथ विधानसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था। इससे पहले सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके थे।

कांग्रेस से एक साथ 22 विधायकों द्वारा इस्तीफा दिए जाने के कारण कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी और उसकी विदाई हो गई। उसके बाद भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाई है। भाजपा और सिंधिया के बीच जो अघोषित समझौता हुआ उसके मुताबिक भाजपा उपचुनाव में सभी 22 सदस्यों को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारेगी साथ ही 10 सदस्यों को मंत्रिमंडल में भी शामिल किया जाएगा।

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा के भीतर चल रही खींचतान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान ने अकेले शपथ ली थी और उसके बाद लगभग एक माह का वक्त गुजरने के उपरांत पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, जिनमें दो मंत्री सिंधिया खेमे से आते हैं। आगामी समय में 20 से ज्यादा मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी और उनमें आठ मंत्री सिंधिया खेमे के होंगे। इसी को लेकर पार्टी के अंदर मंथन चल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा में कद्दावर और दावेदारों की संख्या मंत्री पदों से कहीं ज्यादा है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा तथा महामंत्री संगठन सुहास भगत के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है और नाम भी लगभग तय हो चुके हैं। संभावित नामों की सूची पार्टी मुख्यालय दिल्ली भेजी जाएगी और उस पर अंतिम मोहर वहीं से लगेगी।

भाजपा में चल रही खींचतान के सवाल पर प्रदेशाध्यक्ष शर्मा का कहना है कि भाजपा एक परिवार है और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। मंत्रिमंडल को लेकर किसी तरह की खींचतान नहीं है और न ही विवाद की स्थिति है।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ लगातार यही कह रहे हैं कि अभी भाजपा में मंत्रिमंडल का विस्तार और उप चुनाव के लिए उम्मीदवारी तो तय होने दीजिए पार्टी का हाल क्या है सब सामने आ जाएगा।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि एक जून को मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। पूर्व मंत्री और सिंधिया समर्थक महेंद्र सिंह सिसौदिया भी सिंधिया के एक जून को प्रस्तावित दौरे की बात कह रहे हैं। इसके अलावा सोमवार को मुख्यमंत्री चौहान की राज्यपाल लालजी टंडन से भी मुलाकात हुई। यह बैठक उच्च शिक्षा को लेकर थी, मगर इस मुलाकात को मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है।

आईएएनएस
भोपाल


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