मध्य प्रदेश: फ्लोर टेस्ट आज नहीं, 26 मार्च तक स्थगित हुई विधानसभा

Last Updated 16 Mar 2020 11:13:49 AM IST

मध्य प्रदेश में मौजूदा राजनीतिक स्थितियों के बीच विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई, जिसके चलते आज फ्लोर टेस्ट नहीं होगा।


हालांकि कार्यवाही क्यों स्थगित हुई है इसका स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। मगर सूत्र बता रहे हैं कि स्पीकर ने कोरोना का हवाला देते हुए विधानसभा को स्थगित किया है।

सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन अभिभाषण पढ़ने के दौरान हुए हंगामे के कारण कुछ ही मिनट में सदन से निकल गए। इसके बाद खबर आई कि विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। जिसके बाद लोग चौंक उठे।

खास बात है कि 26 मार्च को ही राज्यसभा चुनाव है। माना जा रहा है कि अब भाजपा कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।

राज्यपाल टंडन ने केवल एक मिनट ही किया विधानसभा को संबोधित

सोमवार को राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल लालजी टंडन ने सदन को केवल एक मिनट ही संबोधित किया और फिर वहां से चले गए।    

सदन से जाने से पहले राज्यपाल ने विधायकों से संवैधानिक परम्पराओं का पालन करने, लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने और राज्य में मौजूदा स्थिति में शांतिपूर्वक कार्य करने का आग्रह किया।     

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही व्यापक जनहित में 26 मार्च तक स्थगित कर दी।      

इससे पहले सत्र के प्रारंभ में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के बाद विधायकों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए थे।     

कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर कई विधायक अपने चेहरे पर मास्क लगाकर विधानसभा में पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष की घोषणा के अनुसार विधायकों को ये मास्क विधानसभा प्रबंधन द्वारा प्रदान किए गए थे।

गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये।

उनके साथ ही मध्य प्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। शनिवार को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।     

इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को ही फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। राज्यपाल ने भी रविवार को लिखे पत्र में सोमवार को अपने अभिभाषण के तुरंत बाद फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया था। मगर, स्पीकर ने फ्लोर टेस्ट को सदन की कार्यवाही की सूची में शामिल नहीं किया।

 

आईएएनएस/भाषा
भोपाल


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