मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट को लेकर सस्पेंस बरकरार

Last Updated 16 Mar 2020 09:57:25 AM IST

मध्य प्रदेश में अभूतपूर्व सियासी संकट के बीच विधानसभा का बजट सत्र आज सुबह 11 बजे राज्यपाल के अभिभाषण के साथ प्रारंभ होगा, लेकिन ‘फ्लोर टेस्ट’ पर सस्पेंस बरकरार है।


मुख्यमंत्री कमलनाथ, शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

विधानसभा की कार्यसूची में राज्यपाल के निर्देश के बावजूद फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं होने पर कल देर रात राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को राजभवन बुलाया। दोनों के बीच चर्चा हुयी। मुलाकात के बाद कमलनाथ ने मीडिया से कहा कि राज्यपाल मिलना चाहते थे, इसलिए वे उनसे मिले। फ्लोर टेस्ट (बहुमत परीक्षण) के बारे में अध्यक्ष तय करेंगे।

कमलनाथ ने कहा कि जो काम स्पीकर का है, वह वो करेंगे। जो काम मेरा है, वह मैं करुंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को पहले ही लिखकर दे दिया है कि वे फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन जो विधायक ‘बंधक’ हैं, वो स्वतंत्र हों। उनका दावा है कि सरकार पूरी तरह मजबूत है।

दूसरी ओर कल देर रात भाजपा के विधायक दिल्ली क्षेत्र से वापस भोपाल लौट आए। उन्हें यहां एक होटल में रुकवाया गया है और वे आज सदन की कार्यवाही में हिस्सा भी लेंगे।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रात्रि में मीडिया से कहा कि फ्लोर टेस्ट को लेकर फैसला विधानसभा अध्यक्ष नहीं करेंगे। सदन का बिजनेस (कार्य) क्या होगा, यह सरकार तय करती है। इन्हें इतना मासूम नहीं बनना चाहिए। सरकार चाहे तो विश्वास मत ला सकती है और उसे लाना चाहिए।

चौहान ने इस बात से भी इंकार किया कि विधायक बंधक हैं। विधायक केंद्रीय सुरक्षा बल मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री को केंद्रीय सुरक्षा बल की अनुमति देना चाहिए। चौहान ने कहा कि सरकार अल्पमत में और वह बहुमत परीक्षण में पराजित हो जाएगी। इसलिए वह फ्लोर टेस्ट से बचना चाह रही है। यह संवैधानिक नहीं है।

वार्ता
भोपाल


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment