सीएए : मुस्लिम नेताओं के भाजपा छोड़ने पर हुसैन ने कहा, 'जिन्हें जाना होता है, उन्हें बहाना चाहिये'
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में मध्यप्रदेश के कई मुस्लिम नेताओं के भाजपा छोड़ने पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को कहा कि ‘जिन्हें जाना होता है, उन्हें बहाना चाहिये।'
पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन (फाइल फोटो) |
कांग्रेस शासित सूबे में सीएए के विरोध में मुस्लिम नेताओं की भाजपा से लगातार रवानगी के बारे में पूछे जाने पर हुसैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'पहली बात तो यह है कि (दूसरे दलों के मुकाबले) अल्पसंख्यक समुदाय के सबसे ज्यादा कार्यकर्ता भाजपा में हैं। फिर भी जिन्हें जाना होता है, उन्हें बहाना चाहिये।'
पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने दावा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले भाजपा के 99.99 प्रतिशत कार्यकर्ता सीएए पर पार्टी के रुख का समर्थन करते हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, 'सीएए भारत के 130 करोड़ नागरिकों पर लागू ही नहीं होता। इस कानून से किसी भी भारतीय व्यक्ति की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है।'
उन्होंने कमलनाथ को मध्यप्रदेश का 'कामचलाऊ मुख्यमंत्री' बताते हुए उन पर निशाना साधा और दावा किया कि उन्हें राज्य में अपनी पार्टी कांग्रेस के भीतर कई दबावों का सामना करना पड़ रहा है।
हुसैन ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक बहुचर्चित बयान का जिक्र करते हुए तंज किया, 'कांग्रेस के घर में उसके ही चिराग से आग लग गयी है।' नियमितीकरण की मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलन कर रहे अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अगर प्रदेश सरकार कांग्रेस के घोषणापत्र को पूरी तरह लागू नहीं करती है, तो वह भी इन आंदोलनकारियों के साथ सड़क पर उतरेंगे।
मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) फिलहाल लागू नहीं करने के कमलनाथ के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ राज्य सरकारों द्वारा इस तरह की बयानबाजी करना फैशन बन गया है, जबकि एनपीआर जनगणना से पहले पूरी की जाने वाली सामान्य प्रक्रिया है।
काशी-महाकाल एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा के दौरान इसमें भगवान शिव के लिये कथित रूप से एक सीट आरक्षित किये जाने को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के सवाल उठाने पर हुसैन ने नपी-तुली प्रतिक्रिया में कहा कि लोगों की श्रद्धा से जुड़े वाकये को विवाद में तब्दील नहीं किया जाना चाहिये।
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