सीएए के समर्थन में रैली करने वालों को कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर ने मारे चांटे
राजगढ की महिला कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में धारा 144 लगाने के बाद भी रैली निकालने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सामने कथित रूप से रविवार को चांटे मारे।
सीएए के समर्थन में रैली करने वालों को कलेक्टर ने मारे चांटे |
राजगढ की महिला कलेक्टर निधि निवेदिता एवं उनके अधीनस्थ काम कर रहीं डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने राजगढ जिले के ब्यावरा में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में धारा 144 लगाने के बाद भी रैली निकालने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सामने कथित रूप से रविवार को चांटे मारे।
सीएए के समर्थन में रैली करने वालों को महिला कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर के चांटे मारने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने इन दोनों अधिकारियों से भी धक्कामुक्की भी हुई और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा की चोटी भी खींची, जिससे उनके बाल बिखर गये।
इस सारी घटना के कुछ वीडियो भी वायरल हो गये हैं।
भाजपा ने इन दोनों अधिकारियों द्वारा सीएए के समर्थकों को पीटे जाने पर कहा कि आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा।
वहीं, कलेक्टर निधि से इस बारे में पक्ष जानने के लिए फोन पर बार-बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा। आज राजगढ में डिप्टी कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से सीएए के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चाँटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता। क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था?’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नये आयाम गढे जा रहे हैं। सरकार के तुगलकी फरमानों पर अमल में कौन रेस में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है। कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा हेतु पद पर हैं।’’
चौहान ने लिखा, ‘‘कलेक्टर मैडम, आप यह बताइये कि कानून की कौन सी किताब आपने पढी है जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटने और घसीटने का अधिकार आपको मिला है? सरकार कान खोलकर सुने ले, मैं किसी भी कीमत पर मेरे प्रदेशवासियों के साथ इस प्रकार की हिटलरशाही बर्दाश्त नहीं करूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी गलती से भी यह न भूलें कि सरकारें पर्मानेंट नहीं होती हैं, वो बदलती हैं। बुराई का अंत और अच्छाई की विजय निश्चित है, इसलिए नागरिकों की सेवा की ज़िम्मेदारी, जो आपको मिली है, उसे निभाने में अपनी ऊर्जा, जज्बा, जुनून और मेहनत लगाएँ।’’
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