महाकाल मन्दिर के गर्भगृह में बाल्टी, घड़े में पानी ले जाना प्रतिबंधित

Last Updated 01 Nov 2017 03:01:46 PM IST

मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर में मंदिर प्रशासन ने ज्योतिर्लिंग की सुरक्षा के मद्देनजर जलाभिषेक के लिये बाल्टी और घड़े में पानी ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.


(फाइल फोटो)

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिदिन भगवान महाकाल का अर्पित किये जाने वाले पानी, फूल और अन्य सामग्री को लेकर विगत दिनों निर्देश दिये थे. इसका परिपालन करते हुये मंदिर प्रशासन यहां ज्योतिर्लिंग का अभिषेक सवा लीटर से अधिक पंचामृत से नहीं करेगा. पंचामृत अभिषेक में मात्र दूध, घी, दही, शहद और खांडसारी का ही उपयोग होगा. प्रतिदिन शाम 5 बजे के बाद ज्योतिर्लिंग को विधिवत साफ कर सुखाया जायेगा, तत्पश्चात गर्भगृह में सूखी पूजा की जायेगी.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ज्योतिर्लिंग पर आधा लीटर से अधिक जल चढ़ाया जाना प्रतिबंधित किये जाने के बाद लोग शिवलिंग को धातु के पत्र से स्पर्श किये बिना जल चढ़ा सकेंगे और गर्भगृह में निर्धारित किये गये जलपत्र ही अन्दर ले जा सकेंगे.

मंदिर में बड़ी बाल्टी और घड़े ले जाना प्रतिबंधित रहेगा और तड़के होने वाली भस्म आरती में भगवान को भस्मी चढ़ाते समय लिंग को पूर्ण रूप से शुद्ध सूती कपड़े से ढंका जायेगा और पूजन करते समय ज्योतिर्लिंग को हाथ से रगड़ना या घिसा जाना पूर्ण रूप प्रतिबंधित रहेगा. पंचामृत आदि पूजन में खांडसारी का उपयोग किया जायेगा. महाकाल मन्दिर में ज्योतिर्लिंग पर पुष्प और बिल्वपत्र शीर्ष भाग पर ही चढ़ाया जायेगा. गर्भगृह के क्षेत्र को स्वच्छ और सूखा रखा जायेगा.
 

वार्ता


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