भोपाल सेंट्रल जेल का शर्मनाक कारनामा- मासूमों के चेहरे पर लगाई मुहर, जांच के आदेश

Last Updated 09 Aug 2017 10:39:04 AM IST

भोपाल सेंट्रल जेल की एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. रक्षाबंधन के दिन कैदियों से मिलने पहुंचे उनके बच्चों के चेहरे पर ही मुहर लगा दी गई.


मासूमों के चेहरे पर लगाई मुहर

मामले को तूल पकड़ता देख जेल मंत्री ने मामले में जांच के आदेश दे दिये हैं.

दरअसल, जेल में कैदियों से मिलने से पहले पहचान चिन्ह के लिए मुलाकातियों के हाथ में मुहर लगाई जाती है. ताकि भीड़ का फायदा उठाकर कोई कैदी बाहर ना निकल जाए. लेकिन रक्षाबंधन के दिन जब परिजन कैदियों से मिलने पहुंचे तो उनके साथ अमानवीय कृत्य किया गया. जेल कर्मचारियों ने पहचान के लिए बच्चों और किशोरियों के हाथ की बजाए उनके चेहरे पर मुहर लगा दी.

सोमवार को हुई इस अमानवीय घटना में इन बच्चों और किशोरियों को देखकर ऐसा लग रहा था मानो वे बंधुआ मजदूर या अपराधी हों. इसे लेकर परिजनों में बेहद रोष देखा गया. घटना के सामने आने के बाद जेल अधिकारी ने भी इसे अनुचित करार दिया.



एडीजी जेल गाजीराम मीणा ने कहा कि जेल मैन्युअल में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन जेल में त्योहार के समय मुलाकातियों की भीड़ रहती है. इसलिए उनको भीतर भेजने के लिए पहचान चिन्ह लगाया जाता है जो आमतौर पर हाथ पर लगाया जाता है. 

जेल मंत्री कुसुम महदेले ने मामले में जांच के आदेश दे दिये हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों के चेहरे पर मुहर नहीं लगाई जानी चाहिए थी. जांच में दोष सिद्ध होने पर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.


वहीं जेल मुख्यालय ने इस मामले में सेंट्रल जेल भोपाल के अधीक्षक दिनेश नरगावे से जबाव मांगा. जेल अधीक्षक का कहना है कि अचानक बारिश की वजह से भीड़ अंदर आने लगी तो जल्दबाजी में मुहर चेहरे पर लग गई होगी. उन्होंने कहा कि हो सकता है बुर्के की वजह से मुहर चेहरे पर लग गई हो. हालांकि उन्होंने माना कि चूक हुई है. उन्होंने कहा कि पूरी घटना की गंभीरता से पड़ताल की जा रही है.



उधर, मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने घटना को लेकर जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया है और सात दिनों के भीतर जेल महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है. साथ ही आयोग ने पीड़ितों के बारे में भी जेल प्रशासन से जानकारी मांगी है.

मामले को बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी गंभीरता से लिया है. आयोग के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा ने कहा है कि जेल डीजी को पत्र लिखकर जानकारी मांगी जाएगी

और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

 

हरप्रीत रीन/समयलाइव डेस्क


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