झारखंड में बोले मोदी, कांग्रेस के लिए वोट बैंक और हमारे लिए अन्नदाता हैं किसान

Last Updated 05 Jan 2019 01:31:12 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए किसान वोट बैंक हैं और हमारे लिए किसान अन्नदाता हैं। ये अंतर है कांग्रेस और भाजपा में।


मोदी ने झारखंड में कई सिंचाई परियोजनाओं की नींव रखी (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पार्टी की किसानों की ऋण माफी योजना के खिलाफ जमकर हमला बोला और कहा कि उनकी सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है जबकि कांग्रेस उनका केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती रही है।

मोदी ने आज 3682.06 करोड़ रुपये की मंडल डैम समेत छह परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद चियांकी हवाईअड्डा मैदान में सभा को संबोधित करते हुये कहा कि ऋण माफी के नाम पर कुछ लोग केवल झूठ ही नहीं बोल रहे बल्कि किसानों को गुमराह भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने उत्तर कोयल परियोजना का नाम तक नहीं सुना होगा। उन्हें तो यह भी नहीं पता होगा कि उत्तर कोयल डैम, नदी या किसी चिड़िया का नाम है। केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के बारे में सोचा तक नहीं।’’
        
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर कोयल परियोजना का कार्य 47 वर्ष से अधूरा पड़ा है। वर्ष 1972 में इस परियोजना का कार्य शुरू हुआ था लेकिन एक के बाद एक अड़चनों के कारण यह पूर्ण नहीं हो सका। इतना ही नहीं पिछले 25 वर्ष से तो इस परियोजना का काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘आप लोग बतायें कि क्या इस परियोजना को पूर्ण होने में 50 वर्ष का समय लगना चाहिए था। यह पूर्व की कांग्रेस सरकार की किसानों के खिलाफ अनदेखी का अपराध और कर दाताओं के साथ बेईमानी का जीता जागता प्रमाण है।’’

मोदी ने कहा कि पहले इस परियोजना की अनुमानित लागत 30 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 2400 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है। पूर्ववर्ती सरकारों की अनदेखी के कारण इस परियोजना की लागत 80 गुना बढ़ गई है और इस राशि का भुगतान देश के करदाताओं को करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को अधर में लटकाने वाले झारखंड और बिहार के किसानों, लोगों और समाज के दोषी हैं।
   
प्रधानमंत्री ने लोगों से पूछा, ‘‘उन दोषियों को सजा मिलनी चाहिए या नहीं। मोदी (प्रधानमंत्री) को उनसे लड़ना चाहिए या नहीं। चौकीदार को काम करना चाहिए या नहीं।’’ उन्होंने कहा कि मंडल डैम परियोजना का लंबित होना साबित करता है कि झारखंड और बिहार के लोगों के साथ कितना अन्याय हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी और पूर्ववर्ती सरकारों में अंतर केवल इतना है कि मौजूदा सरकार किसानों को अन्नदाता मानती है जबकि पहले की सरकारों के लिए वे केवल वोट बैंक की तरह रहे हैं।

मोदी ने कहा कि लंबित मंडल डैम परियोजना की आधारशिला रखा जाना मामूली बात नहीं है। अविभाजित बिहार में उनकी (कांग्रेस) सरकार न तो आम लोगों के लिए संवेदनशील रही और न ही उसने किसानों के दर्द को महसूस किया। उन्होंने कहा कि देश में राज्यों के बीच जल युद्ध जारी रहा है और ये मामले उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन हैं। वहीं, दूसरी ओर राजनीतिक दल अपने हित साधने के लिए इन मुद्दों की आड़ में लड़त रहे।
सूरज शिवा

प्रधानमंत्री ने लंबित मंडल डैम परियोजना की राह की अड़चनों को समाप्त करने में गंभीरता से प्रयासरत रहे झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों राज्यों के सांसदों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन राजनेताओं के प्रयास से देश का संघीय ढांचा और मजबूत हुआ है। साथ ही इन दो राज्यों के सम्मिलित प्रयास से आज जो काम हुआ है वह देश के अन्य राज्यों के लिए भी नजीर पेश करता है।

मोदी ने कहा कि यदि देश की लंबित सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण हो जायें तो किसानों को ऋण लेने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। किसानों का ऋण लेना सरकारों की विफलता है और इसी के आड़ में राजनीति होती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से उन्हें पिछले सरकारों के कामकाज ने काफी अचंभित किया है। उन्होंने कहा कि पूववर्ती सरकारों में कहीं डैम तो कहीं नहर बने वहीं कुछ स्थानों पर तो कोई काम ही नहीं हुये और परियोजना केवल कागजी बनकर रह गई।


   
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र में उनकी सरकार बनते ही उन्होंने लंबित परियोजनाओं की सूचि बनवाई और इन अधूरे कायरें को पूरा करने के लिए बजट में प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में पिछले 30-40 वर्षों से लंबित पड़ी 99 बड़ी परियोजनाओं के कार्य को पूर्ण करने के लिए 90 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘मेरे लिए देश की मौजूदा राजनीति में लिप्त होना और किसानों को केवल वोट बैंक का जरिया बनाना बहुत आसान था। मैं भी किसानों की ऋण माफी के लिए एक लाख करोड़ रुपये देने की घोषणा कर सकता था लेकिन इससे किसानों की केवल एक पीढ़ी की समस्या का समाधान हो पाता। लेकिन, मैने लंबित सिंचाई परियोजनाओं के कार्य को पूर्ण करवाना अधिक जरूरी समझा क्योंकि इससे किसानों की 25 पीढ़ियों को लाभ होगा। मुझे किसानों को वोट बैंक का जरिया बनाने के मुकाबले उन्हें सशक्त बनाना अधिक जरूरी लगा और वह मैं कर रहा हूं।’’
    
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुये कहा कि पहले की सरकारों में चुनाव जीतने के बाद किसानों को ऋण लेने के लिए मजबूर किया गया। युवाओं को बेरोजगार बनाया गया तथा बच्चियों और महिलाओं में असुरक्षा एवं भय उत्पन्न किया गया। लेकिन, उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि देश लोगों की ताकत से चलता है न कि उन्हें कमजोर बनाकर।

मोदी ने कहा कि वातानुकूलित कमरो में बैठकर समाचारपत्रों के हेडलाइन से किसानों के जीवन में बदलाव नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि उनका धर्म उन्हें किसानों और देश की बेहतरी के लिए काम करने की सीख देता है। उनकी सरकार ने किसानों की उपज को खेत से बाजार तक पहुंचाने के लिए एक सुगम पण्राली विकसित की है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों को केवल ‘नाम’ की चिंता रही लेकिन उनकी सरकार को ‘काम’ की चिंता रहती है।

 

वार्ता
डाल्टनगंज (झारखंड)


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