छत्तीसगढ़: रमन ने जताई नक्सलवाद के जल्द खात्मे की उम्मीद

Last Updated 26 Jan 2018 12:35:34 PM IST

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने विश्वास जताया है कि सुरक्षा, विकास और संचार के नए उपायों से बस्तर में बची-खुची नक्सलवादी गतिविधियां जल्द समाप्त हो जायेंगी.


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह

डॉ सिंह ने बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में ध्वजारोहण और परेड की सलामी लेने के बाद प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नक्सलवाद का एक बड़ा कारण, दुर्गम अंचलों में संचार साधनों का अभाव था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वामपंथी उग्रवाद के विरूद्ध लड़ाई को वैचारिक और संसाधनों की शक्ति दी, जिससे छत्तीसगढ़ को अपूर्व संबल मिला है और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है.

उन्होंने आजादी की लड़ाई में वीर सपूतों के योगदान को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जीएसटी और नई खनिज नीति लागू की और राज्यों के वित्तीय संसाधनों में अभूतपूर्व वृद्धि करके संविधान की मंशा ‘सहकारी संघवाद’ का सम्मान किया है. उन्होंने अगले पांच माह के भीतर पांच लाख घरों में बिजली पहुंचाने के लक्ष्य का भी उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सहज बिजली-हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत इस वर्ष सितम्बर माह तक शेष पांच लाख घरों में भी बिजली पहुंचा दी जाएगी.

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 27 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न स्थानों और प्रमुख शहरों के बीच नॉन-स्टॉप तीव्र गति ए.सी. बस सेवा शीघ्र शुरू की जाएगी, जिसके लिए 18 प्रमुख मार्गों का चयन किया गया है. प्रदूषणमुक्त परिवहन को बढ़ावा देने के लिए ई-रिक्शा, ई-कार्ट वाहनों को 5 वर्षों के लिए शत-प्रतिशत करमुक्त किया गया है.

डॉ सिंह ने इस मौके पर राज्य में हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए हो रहे कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि विमानन अधोसंरचना का विस्तार अंबिकापुर, जगदलपुर, बिलासपुर, बलरामपुर, जशपुर में भी किया है. बीजापुर, दंतेवाड़ा में हवाई पट्टी का निर्माण किया और कोण्डातराई (रायगढ़) में हवाई पट्टी का उन्नयन प्रस्तावित है. रीजनल कनेक्टिविटी- ‘उड़ान’ योजना के लिए अंबिकापुर और रायगढ़ को अधिसूचित किया जा चुका है. हमारा प्रयास है कि रायपुर-जगदलपुर-अंबिकापुर के बीच सस्ती विमान सेवा शीघ्र प्रारंभ हो जाए.

उन्होने कहा कि प्रचलित परिपाटी से अलग हटकर प्रदेश में रेलवे नेटवर्क के विकास की परियोजना बनाई गई, जिसके कारण छत्तीसगढ़ में ईस्ट कॉरिडोर, ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और दल्लीराजहरा-रावघाट परियोजना के माध्यम से राज्य में पहली बार आदिवासी और दूरस्थ अंचलों में रेल परिवहन की सुविधा पहुंचेगी. उन्हें यकीन है कि वर्तमान एक हजार 187 किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क को दोगुने से अधिक करने का हमारा लक्ष्य निर्धारित समय में पूरा होगा.

डॉ सिंह ने कहा कि किसानों को अपनी उपज का बेहतर दाम दिलाने के लिए प्रदेश की 14 मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार ‘ई-नाम’ से जोड़ा जा चुका है. ताजे फल और सब्जियों के लिए धमतरी में ‘किसान उपभोक्ता बाजार’ का प्रयोग सफल रहा है, जिसके आधार पर 6 अन्य स्थानों पर ऐसे बाजार विकसित किए जा रहे हैं, जिससे उपज, क्रेता और विक्रेता के बीच से बिचौलियों को हटाया जा सके.

उन्होंने कहा कि हमने धान, मक्का, गन्ना खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था की है. सर्वाधिक धान खरीदी और तुरन्त भुगतान का कीर्तिमान बनाया है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली के उत्पादन-पारेषण-वितरण को लेकर बड़े पैमाने पर सुधार और विस्तार कार्य किए गए, जिससे सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों को पर्याप्त विद्युत आपूर्ति की जा रही है. पारेषण क्षमता 1 हजार 610 एम.वी.ए. से बढ़कर 6 हजार 510 एम.वी.ए. हो गई है. बस्तर में बिजली प्रदाय की दोहरी व्यवस्था की गई है, जिसके तहत 220 के.वी. भिलाई-गुरूर-बारसूर लाइन, 132 के.वी. गुरूर-कांकेर-कोण्डागांव-जगदलपुर लाइन के अलावा 400 के.वी. की नवनिर्मित रायता (रायपुर)-जगदलपुर लाइन भी चालू कर दी गई है.

वार्ता


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment