कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव और 'इंडिया’ गठबंधन के कई अन्य नेताओं ने बिहार में "वोटर अधिकार यात्रा" के समापन से पहले सोमवार को यहां मार्च निकाला, जिसे पुलिस ने बीच रास्ते में ही डाक बंगला चौराहे के निकट रोक लिया।

|
गांधी मैदान से शुरू हुए इस मार्च को आंबेडकर पार्क तक जाना था, हालांकि पुलिस ने वहां तक जाने की अनुमति नहीं दी।
इस मार्च को "गांधी से आंबेडकर" नाम दिया है।
राहुल गांधी और अन्य नेता एक खुले वाहन पर सवार थे और उन्होंने सड़क पर दोनों तरफ मौजूद उत्साही समर्थकों का अभिवादन स्वीकार किया।
वाहन पर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य और कई अन्य नेता शामिल थे।
नेताओं के वाहन के आगे और पीछे महागठबंधन के समर्थकों का हुजूम था, जिनमें से बहुत सारे लोगों के हाथों में अपनी -अपनी पार्टी के झंडे थे।
समर्थकों ने "वोट चोर, गद्दी छोड़" के नारे लगाए।
बिहार प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख राजेश राठौर ने मार्च को आंबेडकर पार्क तक ले जाने की अनुमति नहीं मिलने के बारे में पूछे जाने पर 'पीटीआई -भाषा' से कहा, "चाहे कुछ हो जाए, हमारे नेता राहुल गांधी जी और 'इंडिया' गठबंधन के दूसरे शीर्ष नेता, बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करेंगे।"
राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं ने मार्च शुरू करने से पहले गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव एम ए बेबी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा, शिवसेना (उबाठा) के संजय राउत और कई अन्य नेता उपस्थित थे।
'वोटर अधिकार यात्रा' 25 जिलों में 110 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी और इसमें 1300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की गई। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और निर्वाचन आयोग पर तीखे हमले बोले।
उन्होंने जगह-जगह "वोट चोर, गद्दी छोड़" का नारा लगाया।
यात्रा के 14वें दिन शनिवार को राहुल गांधी ने कहा था कि बिहार में शुरू हुई यह "क्रांति" पूरे देश में फैलने जा रही है और अब भाजपा को वोट और चुनाव की चोरी नहीं करने दी जाएगी।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस यात्रा में शामिल हुए।
सासाराम से 17 अगस्त को निकाली गई इस यात्रा को विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के व्यापक चुनाव अभियान के तौर पर देखा जा रहा है।
इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल का कहना है कि बिहार के लोगों ने राहुल गांधी और महागठबंधन के अन्य नेताओं की इस यात्रा को अभूतपूर्व समर्थन दिया है।
यह यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, गयाजी, नवादा, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर और कुछ अन्य क्षेत्रों से गुजरी।
| | |
 |