बिहार की मछली पालक जीरा देवी कैसे बन गईं प्रधानमंत्री की मेहमान?
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली के लालकिला पर होने वाले समारोह के लिए देश भर के कई हजार लोग प्रधानमंत्री के विशेष अतिथि बनेगें।
![]() प्रधानमंत्री की मेहमान जीरा देवी |
इसमें मत्स्य व्यवसाय से जुड़े 59 लोग भी शामिल हैं। इस बार सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है बिहार के खगड़िया जिले की रहने वाली जीरा देवी की। बायो फ्लॉक तकनीक से मछली पालन कर अच्छा मुनाफा कमाने वाली जीरा देवी और उनके पति अर्जुन मुखिया विशेष अतिथि के रूप में पहली बार ना सिर्फ हवाई यात्रा करेंगे बल्कि प्रधानमंत्री के विशेष अतिथि भी होंगे। जीरा देवी और उनके पति अर्जुन मुखिया ने कैसे बायो फ्लॉक तकनीक से मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया इसकी जानकारी देने से पहले आइए जान लेते हैं कि बायो फ्लॉक तकनीक होती क्या है।
देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही किसानों और लोगों की मदद कर रही हैं। जिसके पास जगह कम है, उसके लिए बायो फ्लॉक तकनीक बहुत ही उपयोगी है। इस तकनीक में गोल टैंक बनाकर मछली पालन किया जाता है। बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मुताबिक़ बायो फ्लॉक का निर्माण तीन चीजों पर निर्भर करता है। जिसमें पहला है पानी में कार्बन श्रोत की मात्रा ,दूसरा मत्स्य आहार अवशेष और तीसरा है आहार में मौजूद नाइट्रोजन की मात्रा।
बायो फ्लॉक मछली पालन की लागत करीब 80 हजार रूपये तक आती है। जिसमे टैंक बनाने का खर्च ,शेड ,और मछलियों के बीज शामिल हैं। केंद्र और राज्य की सरकार इस व्यवसाय के लिए सब्सिडी देती है। अब बात बिहार के खगड़िया जिले की रहने वाली जीरा देवी और उनके पति अर्जुन मुखिया की। खगड़िया जिले की अतौली प्रखंड की रहने वाली जीरा देवी के पास जब प्रधानमंत्री आफिस से बुलावा आया तो, उन्हें विश्वास नहीं हुआ। इन दोनों को 15 अगस्त को झंडोतोलन के अवसर पर दिल्ली बुलाया गया है। इन्होने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत सूक्ष्म बायो फ्लॉक टैंक के लिए मिली राशि का बेहतर इस्तेमाल करके ब्लू रेवोलुशन को जमीन पर उतारने काम किया है।
उनके इस काम से पीएम मोदी खासे खुश हैं। उनका मानना है कि जीरा देवी ने भले सरकार से अनुदान लेकर मछली पालन का व्यवसाय किया, लेकिन उनका विजन और उनकी सोच दोनों ही अलग हसीन। ये दोनों पहली बार हवाई जहाज में बैठेंगे। वैसे पूरे देश से प्रधानमंत्री ने 50 मछली पालकों को दिल्ली बुलाया है। जीरा देवी बताती हैं कि वो बेहद गरीब परिवार से आती हैं। उन्होंने मत्स्य विभाग से अनुदान लेकर सात टैंक लगाए थे। जिसमें साल भर में दो बार मछली पालन करती हैं। इस तरह उन्हें प्रतिवर्ष दो लाख से ज्यादा का फायदा हो जाता है। जीरा देवी बताती हैं कि एक बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खगड़िया आये थे तो उन्होंने उनके मछली पालन को भी देखा था।
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