बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता को एकजुट करने की मुहिम में तेजी से आगे बढ रहे हैं। इस क्रम में मंगलवार को वे ओडिसा के भुवनेश्वर पहुंचकर बीजु जनता दल के प्रमुख और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की।
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बता दें कि नीतीश महराष्ट्र भी जाने वाले हैं, जहां उनकी मुलाकात अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ राष्ट्रवादी कांग्रस पार्टी के शरद पवार से होने की संभावना है।
इधर, कहा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं पर विपक्षी दलों की एकजुटता बहुत कुछ निर्भर रहने वाली है। अन्य कई विपक्षी दलों के नेताओं ने विपक्षी एकता को लेकर आगे बढ़ने की बात कह दी हो लेकिन पटनायक से मुलाकात के बाद ऐसी एकता लेकर किसी चर्चा की बात बाहर नहीं निकली है।
ऐसी स्थिति में बिहार में विपक्षी पार्टी भाजपा इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उडीसा के मुख्यत्री नवीन पटनायक ने नीतीश कुमार से कोई राजनीतिक बात नहीं होने की पुष्टि कर विपक्षी एकता को करारा झटका दिया।
मोदी ने दावा करते हुए कहा कि नवीन पटनायक भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाये रखने की अपनी नीति पर कायम रहे। उन्होंने कहा कि अपनी राजनीतिक मंशा की विफलता पर पर्दा डालने के लिए मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वे बिहार भवन के लिए जमीन मांगने के लिए उड़ीसा गए थे।
मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की इस बात में कोई दम नहीं, क्योंकि किसी राज्य सरकार से जमीन आवंटित करने जैसे काम के लिए किसी मुख्यमंत्री को वहां जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री की बात को सही मान लिया जाए, तो क्या मुंबई में बिहार भवन के लिए जमीन मांगने वे शरद पवार से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे से भी मिलेंगे?
मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के राजनीतिक पर्यटन के बावजूद ममता बनर्जी और केजरीवाल ऐसे मंच का हिस्सा बनने को तैयार नहीं, जिसकी अगुवाई कांग्रेस करे या उसमें साथ हो। उन्होंने कहा कि पहले केसीआर और अब नवीन पटनायक ने विपक्षी एकता की मुहिम की हवा निकाल दी।
नीतीश के नवीन पटनायक से मिलने के बाद अब उनकी तैयारी झारखंड और महाराष्ट्र की है। कहा जा रहा है कि नीतीश अपने मुंबई दौरे के क्रम में एनसीपी नेता शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलेंगे।
शरद पवार की अन्य राजनीतिक दलों में अलग प्रतिष्ठा है और उनकी काबलियत नेतृत्वकर्ता के रूप में भी मानी जाती है। पवार विपक्षी एकता की मुहिम में शामिल होने की बात भी कर रहे हैं। इधर, पटनायक कांग्रेस और भाजपा से समान दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन कभी-कभार उनका झुकाव भाजपा की ओर नजर आता है।
नीतीश पटनायक से मिल चुके हैं, अब उनकी मुलाकात पवार से होनी है। ऐसे में नीतीश पवार की मुलाकात को विपक्षी एकता के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
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