बिहार में शराबबंदी की सफलता पर महागठबंधन में ही उठने लगे सवाल, नीति में बदलाव करने पर बढ़ रहा दबाव

Last Updated 12 Nov 2022 03:04:53 PM IST

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हों तथा इसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हों, लेकिन अब सत्तारूढ महागठबंधन में ही शराबबंदी की सफलता को लेकर सवाल उठने लगे हैं।


बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं। एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने वैशाली पहुंचे उद्योग मंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर हम लोग लोगों की अपेक्षा पर खरे नहीं उतर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हो, लेकिन शराब माफियाओं का सरकार के सामानंतर कारोबार चल रहा है, इसलिए लोग सोचते हैं कि बिहार में शराबबंदी का असर नहीं है। उन्होंने आगे साफ तौर पर कहा कि ऐसे में यह कहा जा सकता है कि लोगों की जो पूर्ण शराबबंदी कि अपेक्षा है, उसमें हमलोग सफल नहीं है।

इधर, कांग्रेस की विधायक प्रतिमा कुमारी ने तो बिहार से शराबबंदी को हटाने तक की मांग कर दी है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार में शराबबंदी है तो फिर ट्रकों का भंडार कहां से मिल रहा है, लोग शराब पीकर मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंख बंद करने से सच्चाई नहीं छिप सकती हैं।

प्रतिमा कुमारी ने आगे कहा सरकार को शराबबंदी नीति में बदलाव करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि इससे दो दिन पहले जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में शराबबंदी को असफल करार देते हुए कहा था कि सरकार के कह देने मात्र से शराबबंदी सफल नहीं हो जाती है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा था कि शराबबंदी लागू कराने के लिए लोगों का समर्थन भी चाहिए।

शराबबंदी को लेकर महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पहले से ही सवाल उठाते रहे हैं।

आईएएनएस
पटना


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