बिहार: पीएफआई संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियां

Last Updated 15 Jul 2022 06:29:15 PM IST

बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। इस बीच, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं।


बिहार: पीएफआई की जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियां

वैसे, कहा तो अब यहां तक जाने लगा है कि जिस तरह संदिग्धों की बिहार से गिरफ्तारी हो रही है, उस लिहाज से आतंकियों के लिए बिहार अब सुरक्षित ठिकाना बना चुका है।

दरभंगा, सुपौल, मधुबनी के साथ सीमांचल और मिथिलांचल के कई ऐसे इलाके हैं, जहां से पिछले सालों में सुरक्षा एजेंसियों ने करीब दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है। जुलाई 2013 में बोधगया में धमाके किए गए थे, तब भी यह आरोप लगा था कि इन धमाकों में स्थानीय मॉड्यूल का हाथ है।

अक्टूबर 2013 में नरेंद्र मोदी की पटना रैली से पहले सिलसिलेवार कई धमाके हुए थे। इन घटनाओं की जांच में ये खुलासा हुआ था कि राज्य में आतंकवाद की जड़ें गहरी हो चुकी हैं। सीमांचल और मिथिलांचल इलाके आतंकवादियों के पनाहगाह बन गए हैं। वर्ष 2000 में बिहार के सीतामढ़ी जिले में पहली बार दो संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी।

मोतिहारी में भी इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल और अब्दुल असगर उर्फ हड्डी को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2017 में अहमदाबाद बम ब्लास्ट का आरोपी तौसरीफ गया से गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल कश्मीर में आतंकियों को हथियार आपूर्ति करने के आरोप में छपरा के मढौरा से गिरफ्तारी की गई थी। इसके अलावा 2019 में बिहार एटीएस ने जीमयत उल मुजाहिदीन से जुडे खैरूल मंडल और अबु सुल्तान को पटना से गिरफ्तार किया गया था।

एक बार फिर पटना आतंकी मॉड्यूल को लेकर सुर्खियों में आया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि फुलवारीशरीफ में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) कार्यालय में छापेमारी के दौरान इस बात के स्पष्ट संकेत मिले हैं कि इनका मकसद धर्म के खिलाफ बोलने वालों को निशाना बनाकर उन पर हमला करना है।

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने गिरफ्तार संदिग्धों के मॉड्यूल का खुलासा करते हुए कहा कि ये लोग मदरसे, मस्जिदों में युवाओं को कट्टरता की ओर मोबिलाइज करते थे और उन बच्चों को कट्टर बना रहे थे।

उन्होंने और स्पष्ट करते हुए कहा कि ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने एजेंडे के माध्यम से उनका ब्रेनवॉश कर रहे थे।

आईएएनएस
पटना


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment