बिहार: बैठकों में अब नहीं शामिल हो पाएंगे मुखिया 'पति', जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि भेजने पर रोक

Last Updated 13 Jan 2022 04:34:21 PM IST

बिहार में अब पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरी की नव निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों को बैठक में भाग लेने के लिए खुद आना होगा। बिहार सरकार ने जनप्रतिनिधियों को अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को मनोनीत करने का अधिकार अब समाप्त कर दिया है।


पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी (फाइल फोटो)

इस आदेश के बाद अब पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरी की बैठकों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अलावा किसी के शामिल होने पर रोक लगा दी गई है।

आम तौर पर देखा जाता था कि जनप्रतिनिधि अपनी जगह अपने पति या फिर अन्य किसी को अपना प्रतिनिधि मनोनीत कर बैठको में भेज देती थी, जिससे बैठक में सही जानकारी नही मिल पाती थी।

माना जा रहा है कि सरकार अब महिला मुखियाओं के पति पर नकेल लगाने के लिए यह आदेश जारी किया है।

राज्य के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को यहां कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के लिए जो महिला जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुई है, उनकी जगह पर कोई अन्य व्यक्ति बैठकों में शामिल नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि समय-समय पर त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की बैठक आयोजित की जाती है। इसमें महिला जनप्रतिनिधि स्वयं शामिल होंगी ।

उन्होंने कहा कि अब तक अगर कोई जनप्रतिनिधि अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रही हैं, तो अब इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी।

मंत्री ने कहा कि महिला प्रतिनिधि की बैठक में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सभी पदाधिकारियों को सख्ती से आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि आम तौर पर देखा जाता रहा है कि बिहार में महिला मुखिया और अन्य पंचायती राज प्रतिनिधियों की जगह उनके पति ही ज्यादा सक्रिय रहा करते हैं। ऐसे में इस आदेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि अब ऐसे पतियों पर अब नकेल लगेगी।
 

आईएएनएस
पटना


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