बिहार सरकार ने छह जिलों में केवी का प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा : कुशवाहा

Last Updated 02 Dec 2019 12:09:10 PM IST

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नवादा और औरंगाबाद में केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोलने के उद्देश्य से नीतीश सरकार से जमीन देने की मांग के लिए किए गए उनके आमरण अनशन को लेकर बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के कटाक्ष पर पलटवार करते हुए आज कहा कि उनके केंद्रीय मंत्री रहते छह जिलों में केवी शुरू करने का प्रस्ताव मांगा गया था लेकिन राज्य सरकार ने नहीं भेजा।


पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा (फाइल फोटो)

पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा, ‘‘श्री सुशील मोदी जी, एनटीपीसी नवीनगर में केंद्रीय विद्यालय खोलवाया। नवादा और देवकुंड में स्वीकृति दिलवाई, आपने रोका। कैमूर, अरवल, शेखपुरा, मधुबनी, मधेपुरा और सुपौल के लिए मांलय की योजना में शामिल कर प्रस्ताव मांगा, आप ने भेजा नहीं। डेहरी/अकोढ़ीगोला का प्रस्ताव भी आपने रोका।’’

कुशवाहा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘अभी इलाज के लिए मैं दिल्ली जा रहा हूं। दूसरे सप्ताह में लौटकर आपके आवास पर प्रमाण के साथ आऊंगा। गेट मत बन्द करवाइएगा, प्लीज।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मोदी ने  कुशवाहा के आमरण अनशन पर कटाक्ष करते हुए कल कहा था कि पांच साल केंद्र में मंत्री रहने के बावजूद वे बिहार में एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं खोलवा सके। मंत्री रहते काम करने के बजाय शिक्षा पर धरना-प्रदर्शन की जो तमाशा-राजनीति उन्होंने शुरू की, उसे ‘आमरण अनशन’ के क्लाइमेक्स पर पहुंचाया।

भाजपा नेता ने कहा था कि अनशन तोड़ने के लिए उन साथियों के आासन पर भरोसा कर लिया, जो 15 साल में बिहार को केंद्रीय विद्यालय नहीं, केवल चरवाहा विद्यालय दे पाए। उन्होंने कहा कि शब्दों की समझ यह कि वे अपने अनिश्चितकालीन अनशन को ‘आमरण अनशन’ बताते रहे।

गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालय के लिए बिहार सरकार से जमीन देने की मांग को लेकर पिछले चार दिनों तक आमरण अनशन पर रहे श्री कुशवाहा का अनशन शनिवार को राजद नेता श्री तेजस्वी प्रसाद यादव एवं वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने जूस पिलाकर समाप्त कराया था।

वार्ता
पटना


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